भाजपा ने राष्ट्रपति उम्मीदवार का पेश नहीं किया नाम
नई दिल्ली | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव पर शुक्रवार से विपक्षी नेताओं से औपचारिक रूप से विचार-विमर्श शुरू किया। इस क्रम में वरिष्ठ मंत्रियों राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की, लेकिन अपने उम्मीदवार का नाम पेश नहीं किया। लिहाजा कांग्रेस ने आम सहमति पर किसी तरह के सहयोग की बात खारिज कर दी।
राजनाथ और नायडू ने 17 जुलाई के चुनाव के लिए शुक्रवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की, लेकिन इस दौरान उन्होंने अपने उम्मीदवार के नाम का खुलासा नहीं किया, उलटे कांग्रेस नेतृत्व से विपक्षी उम्मीदवार का नाम पूछा। बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, “भाजपा नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष कोई नाम पेश नहीं किया।
लेकिन वे चाहते थे कि हम अपने उम्मीदवार का नाम उजागर करें। हम उम्मीद कर रहे थे कि वे कोई नाम सुझाएंगे, जिसके बाद हमारी पार्टी और अन्य पार्टियों में उस पर चर्चा होगी। चूंकि सरकार की ओर से कोई नाम नहीं दिया गया है, लिहाजा सहयोग और सहमति का प्रश्न ही नहीं उठता।” आजाद ने कहा, “उन्हें पहले अपने उम्मीदवार का नाम पेश करना चाहिए, उसके बाद सहयोग मांगना चाहिए।”
इस बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्ल्किार्जुन खड़गे से आम सहमति की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने कोई नाम नहीं दिया है। उन्होंने कहा, “जब तक वे अपने उम्मीदवार का नाम पेश नहीं करते, तब तक आम सहमति का सवाल कहां से उठ सकता है। अगर वे नाम देते हैं, तो हम अपने सहयोगियों और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ इस पर चर्चा कर सकते हैं। जब उन्होंने कोई नाम ही नहीं दिए हैं, तो आम सहमति का सवाल ही नहीं है। अगर वे कुछ नाम लेकर आए होते, तो हम विचार कर सकते थे।”