हड़ताल के दूसरे दिन बंगाल के चाय बागान बंद, उत्पादन प्रभावित
कोलकाता | उत्तरी पश्चिम बंगाल में चाय का उत्पादन मंगलवार को बुरी तरह प्रभावित रहा, क्योंकि श्रमिक संगठनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल के दूसरे दिन ज्यादातर चाय बागान बंद रहे। इसमें विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग चाय बागान भी शामिल है। उत्तर बंगाल के चाय उद्योग के 24 श्रमिक संगठनों के एक संयुक्त मंच ने दो दिनों की औद्योगिक हड़ताल का आह्वान किया है।
श्रमिक संगठनों ने न्यूनतम मजदूरी लागू करने, चाय मजदूरों के अधिकार को सुदृढ़ करने और चाय मजदूरों के बीच आवासीय उद्देश्य के लिए जमीन का स्वामित्व दिए जाने की मांग को लेकर यह हड़ताल की है। उद्योग के जानकारों के अनुसार, इस हड़ताल से उत्तर बंगाल के 300 चाय बागानों के कार्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। इसमें से 87 चाय बागान दार्जिलिंग में हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि दार्जिलिंग चाय उद्योग को दो दिनों की हड़ताल में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होने की उम्मीद है। दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) के प्रमुख सलाहकार संदीप मुखर्जी ने कहा, “दार्जिलिंग के चाय बागानों में हड़ताल के दूसरे दिन कोई काम नहीं हुआ। इससे एक दिन में दार्जिलिंग चाय 85,000 किलो के करीब चाय उत्पादन पर असर पड़ा है। यह बड़ा नुकसान है।”
इंडियन टी एसोसिएशन के महासचिव अरजीत राहा ने कहा कि हड़ताल से उत्पादन व गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है क्योंकि चाय का मौसम चल रहा है। फोरम ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के चाय बागान वाले इलाकों जैसे जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, अलीपुरदुर, इस्लामपुर व मेखलीगंज में 12 घंटे की आम हड़ताल का आह्वान किया।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने भी चाय मजदूरों की हड़ताल का समर्थन किया है, जीजेएम ने दार्जिलिंग व कालिम्पोंग में सोमवार से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है।
हालांकि, ऑल इंडिया तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने हड़ताल का विरोध किया है। यह यूनियन तृणमूल समर्थित है।