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मप्र में नहीं थम रहीं किसानों की आत्महत्या, 1 की संदिग्ध हालत में मौत

होशंगाबाद | मध्यप्रदेश में बीते 24 घंटो में तीन किसानों ने मौत को गले लगा लिया। कर्ज और सरकारी अमले की कारगुजारियों से परेशान दो किसानों ने जान दे दी, तो कर्जदार एक किसान की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। पुलिस तीनों मामलों की जांच कर रही है। होशंगाबाद के भैरोपुर गांव का किसान माखन लाल मंगलवार की सुबह चार बजे घर से खेत की ओर निकला, थोड़ी देर बाद उसका शव पेड़ से लटका मिला। माखन लाल के परिजनों का कहना है कि उस पर पिछले कई वर्षो से कर्ज था, जिसके लिए वह हर साल जमीन का कुछ हिस्सा बेच दिया करता था।


गांव के लेाग बताते हैं कि उसकी कुल 15 एकड़ जमीन थी, लेकिन बिकते-बिकते तीन एकड़ ही बची थी। उस पर कर्ज का बोझ बना हुआ था, जिससे वह परेशान था। उधर, विदिशा जिले के शमशाबाद थाने के जीरापुर में सोमवार की रात किसान हरि सिंह जाटव ने जहर खा लिया और उसकी भोपाल में उपचार के दौरान देर रात को मौत हो गई।

हरि सिंह के परिजनों का आरोप है उसके परिवार की जमीन का पिछले दिनों सीमांकन हुआ था, जिसमें पटवारी ने उसके हिस्से की जमीन को रिश्तेदार के नाम दर्शा दिया। हरि सिंह ने कई जगह गुहार लगाई, मगर किसी ने नहीं सुनी। इससे क्षुब्ध होकर उसने जहर खा लिया।

शमशाबाद के तहसीलदार इसरार खान ने बताया कि हरि सिंह और उसके चाचा के बीच जमीन का विवाद था, दोनों ने सीमांकन के लिए आवेदन दिया। सीमांकन हुआ भी, मगर दोनों इससे संतुष्ट नहीं थे। इस पर दोनों को पटवारी ने वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन देकर दोबारा सीमांकन कराने का कहा। इसी बीच हरि सिंह ने आत्महत्या कर ली। इस मामले की जांच कराई जाएगी।

इसी तरह सीहोर जिले के रहटी थाना क्षेत्र के जजना गांव में पांच लाख के कर्जदार दुलीचंद्र की सोमवार को संदिग्ध हालत में मौत हो गई। परिजन आत्महत्या की आशंका जता रहे हैं।

रेहटी थाने के प्रभारी पंकज गीते के अनुसार, पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट में उसकी तिल्ली (स्प्लीन) फटे होने की बात सामने आई है। वह शराब पीता था। सोमवार को उसे पेट में दर्द हुआ, अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों द्वारा आशंका जताए जाने पर बिसरा को रासायनिक परीक्षण के लिए सुरक्षित रख लिया गया है।

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