Main Slide

अगर हमें युद्ध लड़ना पड़ा तो तीनों सेनाएं मिलकर लड़ेंगी : विपिन रावत

नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का कहना है कि रक्षा बलों के बीच एकीकृत कमान होना चाहिए और एक विकल्प के तौर पर इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।

जनरल रावत पाकिस्तान और चीन के साथ दो मोर्चो पर भारत के युद्ध में फंसे होने की चर्चाओं की परवाह नहीं करते। उन्होंने मीडिया से बातचीत में एक प्रश्न पर सिर्फ मुस्कुराए।

सवाल था “क्या भारत युद्ध की ओर बढ़ रहा है?” जो कि हाल ही में एक अंग्रेजी साप्ताहिक के नवीनतम अंक के मुखपृष्ठ पर प्रकाशित हुआ था। इसी तरह उन्होंने आतंकवाद और सीमापार से होने वाली घुसपैठ रोकने के लिए फिर से सर्जिकल स्ट्राइक करने के सवाल पर भी कुछ कहने से इंकार कर दिया।

सेना प्रमुख ने साथ ही कहा कि सरकार सेना के आधुनिकीकरण और हथियारों की खरीद के लिए धन देने को तैयार है। उन्होंने इसके लिए राशि की कमी से जुड़ी शंकाओं को खारिज कर दिया।

जनरल रावत ने तीनों सेनाओं के आपसी समन्वय की वकालत करते हुए कहा, “अगर हमें किसी दिन युद्ध लड़ना पड़ा तो तीनों बल साथ मिलकर लड़ेंगे। क्या हमारे पास बलों का संयुक्त तंत्र हो सकता है? क्या यह बेहतर नहीं है? हमें इस विकल्प पर गौर करना होगा। यह होना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “साजो-सामान के एकीकरण से खर्च भी कम होगा। एकीकरण इस प्रकार होना चाहिए कि सभी सेवाओं द्वारा अपने संसाधनों का सुसंगत तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।” हाल ही में तीनों बलों के आपसी तालमेल को बेहतर करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों का एक संयुक्त सिद्धांत जारी किया गया था।

इसे लेकर सेना प्रमुख से पूछा गया था कि क्या एकीकृत कमान लाभदायक होगा? क्योंकि न तो वायुसेना और न नौसेना ने ही इसके प्रति उत्साह दिखाया है।

उन्होंने कहा, “एकीकरण हर हाल में होना चाहिए, लेकिन इसके तरीके पर विचार किया जाना जरूरी है। ऐसा नहीं है कि आज हम युद्ध नहीं लड़ सकते, लेकिन संयुक्त तंत्र बेहतर है और हमें इस पर विचार करना चाहिए।”

सिद्धांत में कहा गया है कि भविष्य में युद्ध की स्थिति में थल, जल और वायु सेनाओं के बीच समन्वित और एकीकृत कार्रवाई जरूरी है। भविष्य के युद्धों के लिए संयुक्त अभियान चलाया जाना सबसे ज्यादा जरूरी है। संयुक्त सिद्धांत में आतंकी कार्रवाई के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक्स को संभावित कदम के रूप में पेश किया गया है।

फिर से सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने की संभावना पर उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के ‘कई तरीकों में से एक है।’ सेना प्रमुख ने हालांकि इसके अन्य विकल्पों पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

भारत क्या दो मोर्चो पर युद्ध के लिए तैयार है? इस सवाल पर जनरल रावत ने कहा, “हमारे पास एक योजना है। हम जानते हैं। (लड़ाई के) हमारे अपने नियम हैं।”

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close