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एससीओ सदस्यता भारत की अर्थव्यवस्था, आतंकवाद से निटपने में मददगार : मोदी

नई दिल्ली| शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए गुरुवार को कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि एससीओ की पूर्णकालिक सदस्यता मिलने से भारत को यूरेशियन गुट के साथ संपर्क, अर्थव्यवस्था तथा आतंकवाद-रोधी सहयोग के संबंध में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार जब भारत एससीओ का पूर्णकालिक सदस्य बन जाएगा, तो यह गुट दुनिया की 40 फीसदी आबादी तथा लगभग 20 फीसदी वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का प्रतिनिधित्व करेगा।

मोदी ने अस्ताना रवाना होने से पहले अपने बयान में कहा, “हमने पिछले साल एससीओ की ताशकंद बैठक के दौरान पूर्णकालिक सदस्यता की प्रक्रिया शुरू की थी।

मैं एससीओ के साथ भारत के गहरे सहयोग की कामना करता हूं, जिससे हमें अन्य चीजों के साथ-साथ आर्थिक, संपर्क तथा आतंकवाद-रोधी सहयोग में मदद मिलेगी।”

उन्होंने कहा कि भारत का एससीओ के सदस्यों के साथ दीर्घकालिक संबंध है और वह एससीओ के माध्यम से परस्पर बेहतरी तथा अपने देशों व अपने लोगों की और उन्नति की कामना करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “साथ मिलकर हम लाभकारी कार्यक्रमों के नए अवसरों का लाभ उठाएंगे और अपनी पूरी क्षमताओं के इस्तेमाल में आने वाली साझा चुनौतियों को दूर करने के लिए प्रयास को दोगुना करेंगे।”

अस्ताना शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान को भी एससीओ की पूर्णकालिक सदस्यता मिलने की संभावना है। दोनों दक्षिण एशियाई देश चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान तथा उज्बेकिस्तान के बाद एससीओ के सातवें तथा आठवें सदस्य बनने जा रहे हैं।

शिखर सम्मेलन में शुक्रवार को शिरकत करने के बाद भारत लौटने से पहले मोदी वर्ल्ड एक्सपोजिशन में भी हिस्सा लेंगे, जिसकी मेजबानी इस साल किर्गिस्तान कर रहा है।

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