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एनडीटीवी के सह संस्थापक पर छापा अदालत के आदेश पर मारा : सीबीआई

नई दिल्ली| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को कहा कि समाचार चैनल एनडीटीवी नेटवर्क के सह संस्थापक प्रणव रॉय के घरों पर छापेमारी अदालत के आदेशों के अनुसार की गई और वह ‘प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करता है।’

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एक बयान में कहा, “यह स्पष्ट किया जाता है कि एनडीटीवी के प्रोमटरों के घरों और उनके कार्यालयों पर की गई छानबीन सक्षम अदालत द्वारा जारी सर्च वारंट के आधार पर की गई।”

एजेंसी ने कहा कि उसने एनडीटीवी के पंजीकृत कार्यालय, मीडिया स्टूडियो, समाचार कक्ष या मीडिया संगठन से संबंध रखने वाले कार्यालयों पर छापेमारी नहीं की।

बयान में कहा गया, “सीबीआई पूरी तरह से प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करती है और समाचार संचालन के स्वतंत्र क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।”

यह बयान सीबीआई द्वारा एनडीटीवी नेटवर्क के परिसर और रॉय के घरों पर आईसीआईसीआई बैंक को 48 करोड़ रुपये के कथित नुकसान के बाद की गई छापेमारी के एक दिन बाद आया है।

एजेंसी ने कहा कि उसने पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद आईसीआईसीआई बैंक और एनडीटीवी के एक शेयरधारक की शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया था।

सीबीआई ने एनडीटीवी के उस बयान को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि ‘यह प्रेस की स्वतंत्रता पर एक स्पष्ट राजनीतिक हमला है जिसकी निंदा की जानी चाहिए।’ एजेंसी ने कहा कि समाचार संगठन गलत रूप से एजेंसी पर किसी तरह का दबाव होने का आरोप लगा रहा है। उसने एनडीटीवी के इस बयान को अनावश्यक और सीबीआई की छवि को खराब करने का एक प्रयास बताया।

एजेंसी ने कहा, “जांच पड़ताल कानूनी प्रक्रिया और अदालत के कानून के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत की गई।”

सीबीआई ने एनडीटीवी के इस दावे को खारिज किया है कि उसने कभी किसी तरह के कर्ज को नहीं चुकाने जैसी कोई कार्रवाई नहीं की है। एजेंसी ने कहा कि जिन आरोपों की वह जांच कर रही है, वह कर्ज भुगतान में चूक से जुड़े हैं ही नहीं।

सीबीआई ने कहा कि ‘यह प्रणव रॉय, राधिका रॉय, आरआरपीआर होल्डिंग्स को गलत तरीके से 48 करोड़ का लाभ पहुंचाने और आईसीआईसीआई बैंक को आपराधिक षड्यंत्र कर नुकसान पहुंचाने से संबंधित है।”

सीबीआई ने एनडीटीवी के इस दावे को भी खारिज किया कि उसके अधिकार क्षेत्र में एक प्राइवेट बैंक से संबंधित मामला नहीं आता।

उसने सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय को संदर्भित किया जिसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार कानून 1988 की धाराएं प्राइवेट बैंक के अधिकारियों पर भी लागू होती हैं। इस प्रकार सीबीआई को प्राइवेट बैंक के मामले की जांच को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने का अधिकार है।

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