किसान आंदोलन में गोलीबारी, दो किसानों की मौत
भोपाल | मध्य प्रदेश में कर्ज माफी और फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों पर मंगलवार को मंदसौर में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में दो किसानों की मौत हो गई है, और कई अन्य घायल हो गए हैं। उज्जैन मंडल के आयुक्त बी.एम. ओझा ने बताया कि उग्र किसानों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी, जिसमें कम से कम दो किसानों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। गोलीबारी की घटना अपराह्न् लगभग दो बजे घटी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच पथराव हो रहा था, और इसी दौरान पुलिस ने गोलीबारी शुरू कर दी। दूसरी ओर, राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा गोली पुलिस ने नहीं, बल्कि आंदोलन में घुस आए उत्पाती तत्वों ने चलाई है, जिनसे पुलिस सख्ती से निपटेगी।
इसके पहले मंदसौर के पुलिस अधीक्षक ओ. पी. त्रिपाठी ने आईएएनएस से कहा, “सोमवार देर रात दालोद पुलिस चौकी क्षेत्र में किसानों ने प्रदर्शन किया और रेलवे क्रासिंग का गेट तोड़ दिया। इसके अलावा, पटरियों के बीच के स्लीपर पर लगे लोहे के एंगल को नुकसान पहुंचाया, लेकिन यातायात ज्यादा देर प्रभावित नहीं हुआ।”
इस बीच, पुलिस नियंत्रण कक्ष से पता चला है कि पिपलिया मंडी थाने को किसानों ने घेर लिया है, और भारी पुलिस बल को मौके पर भेजा गया है। गौरतलब है कि राज्य के किसान एक जून से 10 जून तक की हड़ताल पर हैं। उनकी मांग कर्ज माफी व फसल का उचित दाम है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से आठ रुपये प्रति किलोग्राम प्याज खरीदने के साथ एक हजार करोड़ रुपये का मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने का ऐलान किया है।
भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद आंदोलन को रविवार को स्थगित कर दिया था, लेकिन भारतीय किसान यूनियन, आम किसान यूनियन ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। इस हड़ताल को राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ का भी समर्थन मिल गया है। किसानों की हड़ताल के चलते राजधानी में दूध की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। वहीं कई स्थानों पर महंगे दाम पर दूध बिक रहा है। इसी तरह के हालात कई अन्य इलाकों में भी है, क्योंकि सब्जी मंडी और दुग्ध केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है।