पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश की अग्रणी समाजिक संस्था, सम्मानित को मिले पौध
लखनऊ।पर्यावरण संरक्षण, बुजुर्गो का देख-भाल, बेटी बचाओ, दृष्टिहीनों के कल्याण, आदिवासियों का संरक्षण के समान अन्य सामाजिक कार्य करने वाली इंडिया आई इन्टरनेशनल ह्मूमन राइट्स अब्जर्वर स्वयं सेवी संस्था है। जो सामाजिक मुद्दों पर लोगों को जागरुक किया करती रहती है।
इसी के तहत आज सामाजिक संरक्षण, उत्थान के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन की शुरुवात धरती मां को जल अर्पित करके की गयी। जिसमें मुख्य अतिथि के साथ इंडिया आई आईएचआरओ के चैयरमैन श्री राकेश गर्ग, संस्थान के एमडी श्री राकेश शर्मा के डॉ.भूरे लाल (आईएएस, रिटायर्ड),चैयरमैन,ईपीसीए) व विशिष्ठ अतिथि के रुप में एसएम खान, डीजी,आरएनआई (मिनिस्ट्रि ऑफ इनफर्मेशन एडं ब्राडकास्टिंग) के आचार्य गुरु करमा तपाई रिम्पोचे, इन्टरनेशनल बौद्ध धाम गुरु एवं चीफ रोयल हाइट मोनेस्ट्री,यूरोप एडं नेपाल के साथ पधारे पर्यावरणविद उपास्थित हुये।
इंडिया आई आईएचआरओ के मैनेंजिग डाइरेक्टर राकेश शर्मा, ने पर्यावरण और धरती के बढ़ते तापमान को लेकर चिंता व्यक्त की। आगे कहा भारत जहां बार बार पेरिस जलवायु सम्मेलन के तहत हुए समझौते को लागू करने की मांग करता रहा है। वहीं इसमें शामिल अमेरिका ने इससे अगल होकर सभी देशों को एक जोरदार झटका दिया है।
आगे उन्होंने पेरिस समझौते पर जोर देते हुए कहा की पेरिस समझौते में भारत विकासशील और विकसित देशों के बीच अंतर स्थापित करने में कामयाब रहा है। दरअसल,भारत विश्व में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है ।
कार्यक्रम ने यूनाटेड नेशन इनफॉर्मेशन सेंटर के राजीव चन्द्रन, आफिस इन्चार्ज ने कहा की पर्यावरण अमेरिकी निर्णय ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के वैश्विक प्रयासों के लिए एक बड़ी निराशा है। संयुक्त राष्ट्र विश्वास दिलाता है कि कम कार्बन उत्सर्जन के लिए हो रहे प्रयासों में कही कोई कमी नही आने देगा और विश्व पर्यावरण के लिए हमेशा नेतृत्व की भूमिका अदा करेंगे। विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ.भूरे लाल जी (आईएएस,रिटायड ,चैयरमैन,ईपीसीए) ने पर्यावरण संरक्षण को महत्व देते हुए कहा कि कागजों और बैठकों में अक्सर बहुत बाते होती रहती है, पर जरुरी है कि धरातल पर भी कुछ काम हो।
वहीं कार्यक्रम में यह तय किया गया की मुख्य अतिथि डॉ.भूरे लाल एवं विशिष्ठ अतिथि के रुप में श्री एस एम खान,डीजी,आरएनआई (मिनिस्ट्रि ऑफ इनफर्मेशन एडं ब्राडकास्टिंग) होंगे। साथ ही कार्यक्रम में देश भर से पर्यावरण क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति विशेष को सम्मानित किया जाता है। जिनमे चंडी प्रसाद भट्ट (पद्मभूषण एवं प्रसिद्ध गांधीवादी पर्यावरणविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ता), संत बलबीर सिंचेवाल (पद्मश्री से सम्मानित, चेयरमैन एक ओंमकार चैरिटेबल ट्रस्ट,जालंधर) अजय भट्टाचार्या,आईएफएस (रिटायड) और संरक्षणवादी) डॉ.वंदना शिवा (प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और लेखिका ), माइक पांडे,(प्रसिद्ध वन्यजीवी, पर्यावरणविद् एवं फिल्म डाइरेक्टर और संरक्षणवादी) व आबिद सुरती (चेयरमैन,ड्राप्ट डेड फांउडेशन,मुंबई) डॉ.राजकुमार,(एचओडी,श्वसन एलर्जी और एप्लाइड इम्यूनोलॉजी विभाग,वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट) डॉ.अरविंद कुमार (अध्यक्ष,इंडिया वॉटर फांउडेशन), डॉ.मधु भट्टनागर, (शिक्षाविद् एवं ग्रीन, टीचर अवार्ड से सम्मानित) डॉ.अजय कुमार सोनकर, (चैयरमैन,पर्ल एक्वाकल्चर रिसर्च फांउडेशन, अंडमान और निकोबर) राजकुमारी देवी, (किसान चाची, मुज्जफरपुर,बिहार), तुलसी गौड़ा (ग्रामीण पर्यावरणविद्, अंकोला,कर्नाटक) अरुण कृष्णमूर्ति (संस्थापक
,इनवॉयरमेंटलिस्ट फांउडेशन ऑफ इंडिया,चेन्नई,तमिलनाडु) मनसुख प्रजापति (संस्थापक,मिट्टीकूल कंपनी,गुजरात) सम्मानित हुए। इंडिया आई आईएचआरओ ने सत्य सांई ऑडिटोरियम इन्टरनेशनल सेंटर में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। जिसका विषय है। “प्रगतिशील दुनिया में पर्यावरण संरक्षण। पैनल डिस्कशन के दौरान पैनलिस्टों की राय थी, कि पेरिस समझौते पर अमेरिका ये कदम सही नही है, ऊर्जा के लिए कोयले के उपयोग को लेकर, भारत पर सवाल खड़े करने वाले विकसित देश भी इसका लगातार उपयोग कर रहे हैं। लिहाजा भारत पर सवाल उठाना जायज नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि विकसित देश ऊर्जा के लिए कोयले के इस्तेमाल से पीछे हट रहे हों। पेरिस सम्मेलन में हुए समझौते के बाद यह जरूरी है कि इसके लिए बजट का आवंटन भी सही पैमाने पर किया जाए।
देशभर से प्राप्त हजारों प्रविष्टियों में से वैसे तो सभी प्रतियोगियों ने पर्यावरण संरक्षण पर अपनी-अपनी भावनाओं को चित्र में प्रदर्शित करने मे कोई कसर नही छोड़ी है। इनमें से चयनित सभी प्रविष्टियों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
पुरस्कार को दो आयु वर्गो में बांटा गया है ।(13 से 18 वर्ष) निबंध लेखन एवं पेंटिग प्रतियोगिता का विषय –“हमारी पृथ्वी…हमारा पर्यावरण …हमारा। इसमें पेंटिंग के दोनों आयु वर्ग को प्रथम पुरस्कार के रुप में 5000 पुरस्कार द्वितीय पुरस्कार के रुप में 3000 ,तृतीय पुरस्कार के रुप में 2000 रुपये एवं संत्वना पुरस्कार रुप में 1000 दिये गये। प्रतियोगिता में आयी हुई हजारों प्रविष्टियों को प्रशस्ति पत्र दिये जाएंगे। निबंध और चित्रकला के साथ साथ सेल्फी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका विषय था –“सेल्फी विथ नेचर” जिसमें क्रमश 5000,3000 एवं 2000 और 10 संत्वना पुरस्कार दिया गया ।
कार्यक्रम में आने वाली सभी अतिथियों को पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर इंडियाआई आईएचआरओ की ओर से एक पौधा उपहार स्वरुप दिया गया। ताकि वो पर्यावऱण के प्रति सजता से अपनी जिम्मेदारियों को निभाये। कार्यक्रम के अन्त में इंडिया आई आईएचआरओ संस्था की सीईओ ज्योति किरण मलिक धन्यवाद प्रेषित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।