नई दिल्ली| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि सरकार के पास एयर इंडिया को बेचने का प्रस्ताव है। हालांकि कर्ज से लदी राष्ट्रीय यात्री विमानन कंपनी के भविष्य का फैसला नागरिक विमानन मंत्रालय करेगा।
जेटली ने सीएनबीसी टीवी 18 को दिए साक्षात्कार में कहा, “भारत में नागरिक विमानन सेवा सफलता की नई इबारत लिख रही है.. इसलिए सरकार द्वारा 14 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के लिए इस क्षेत्र में करदाताओं का 55,000-60,000 करोड़ रुपये लगाना समझदारी नहीं है।”
उन्होंने कहा, “मौजूदा खिलाड़ियों के अलावा अगर निजी क्षेत्र के खिलाड़ी आते हैं और एयर इंडिया के प्रस्तावित निजीकरण में भाग लेते हैं, तो मैं समझता हूं कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी। इस पर कितनी तेजी से काम होगा और किस तरीके से होगा, इसका निर्णय नागरिक विमानन मंत्रालय करेगा।”
यह पूछे जाने पर सरकार द्वारा एयर इंडिया के भारी भरकम कर्ज का एक बड़ा हिस्सा चुकाए बगैर वह किस तरह से खरीदार जुटाएगी। जेटली ने कहा, “मैं समझता हूं कि कर्ज के कई घटक हैं, जिसमें संपत्तियां भी हैं, जो कि विमान है, हवाई मार्ग हैं, बहुत सारी अचल संपत्तियां हैं और बाकी की सरकार की जिम्मेदारी है। देखते हैं कि नागरिक विमानन मंत्रालय इस पर क्या फैसला करता है। उसके बाद सरकार इस पर सामूहिक रूप से विचार करेगी।”