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दिल्ली की सड़कों पर कूड़ों का अंबार, आयुक्तों को नोटिस

नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर कूड़ों के ढेर का वीडियो फूटेज देखने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्वी, उत्तरी तथा दक्षिणी नगर निगम के आयुक्तों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। न्यायालय ने पूछा है कि उसके आदेश की अवहेलना के लिए क्यों न उनके खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाया जाए।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल तथा न्यायमूर्ति सी.हरि शंकर ने तीनों आयुक्तों को 21 जून को न्यायालय में उपस्थित होने को कहा। न्यायालय का यह आदेश एक टेलीविजन कार्यक्रम में नगर निगमों खासकर पूर्वी तथा उत्तरी नगर निगम द्वारा कूड़ों को उठाने में बरती जा रही कोताही से संबंधित वीडियो देखने के बाद सामने आया है।

न्यायालय ने कहा, “फूटेज विचलित करने वाला है, क्योंकि कूड़ों को उठाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा..मॉनसून के आगमन से पहले ही दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया के मामले सामने आ चुके हैं।”
फूटेज में दिल्ली के विभिन्न इलाकों में कूड़ों के अंबार को दिखाया गया है, जिसे पिछले पांच दिनों से नगर निगम ने नहीं उठाया है।

न्यायालय ने कहा कि उसे मजबूरन आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी, क्योंकि उन्हें लोगों की नहीं बस केवल अपनी फिक्र है। न्यायालय ने एबीपी न्यूज चैनल के वीडियो फूटेज को प्रधान सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय भेजने को कहा, ताकि जिस तरह से स्वच्छ भारत अभियान को चलाया जा रहा, उसी तरह दिल्ली को कूड़ा मुक्त करने का भी अभियान चलाया जाए।

साथ ही, वीडियो की एक कॉपी उपराज्यपाल अनिल बैजल को भी भेजने का निर्देश दिया गया।
उच्च न्यायालय ने एबीपी न्यूज चैनल की उस रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में कूड़ा उठाने की प्रक्रिया में विरोधाभास पर प्रकाश डाला गया है।

न्यायालय ने समाचार चैनल से दिल्ली में कूड़ों को हटाया गया या नहीं, इसका निरीक्षण करने तथा दो जून के पहले रिपोर्ट सौंपने को कहा था। शुक्रवार को न्यायालय ने समाचार चैनल से निरीक्षण जारी रखने को कहा। उच्च न्यायालय उन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिनमें दावा किया गया है कि सरकार तथा नगर निगम चिकनगुनिया तथा डेंगू जैसे वाहक जनित रोगों से बचाव के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा। वहीं सरकार तथा नगर निगम ने न्यायालय से कहा है कि उसने बीमारियों को रोकने के लिए कदम उठाए हैं।

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