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भारत देगा मॉरीशस को 50 करोड़ का कर्ज, विकास सहयोग का वादा

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मॉरीशस के उनके समकक्ष प्रवींद्र जगन्नाथ के बीच शनिवार को यहां प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें 50 करोड़ डॉलर का एक ऋण (एलओसी) समझौता भी शामिल है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ट्वीट किया, “भविष्य की साझेदारी के लिए भारत मॉरीशस-नया दृष्टिकोण।” एलओसी समझौता एसबीएम मॉरीशस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड तथा एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया के बीच किया गया।

दूसरा समझौता दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा को लेकर हुआ। मॉरीशस में एक सिविल सर्विसेज कॉलेज की स्थापना के लिए दोनों पक्षों ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

एक अन्य समझौता भारत के काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) तथा मॉरीशस ओशनोग्राफी इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च एंड एजुकेशन इन मरीन साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के बीच हुआ।

मॉरीशस ने भारत द्वारा शुरू किए गए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) का अनुसमर्थन पत्र भी सौंपा।  इससे पहले शनिवार को जगन्नाथ का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया, जिसके बाद उनसे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मुलाकात की।

जगन्नाथ भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे। जनवरी में मॉरीशस का प्रधानमंत्री बनने के बाद जगन्नाथ का यह पहला विदेश दौरा है।

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