दुबई में 10 भारतीयों को नहीं मिलेगी फांसी, सजा कैद में बदली
अबु धाबी | संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) की एक अदालत ने 2015 में अवैध शराब के धंधे को लेकर हुए झगड़े में एक पाकिस्तानी नागरिक की हत्या करने के दोष में मृत्युदंड का सामना कर रहे 10 भारतीयों की सजा कैद में तब्दील कर दी गई है।
गल्फ न्यूज की रपट के अनुसार, अल ऐन की अपीली अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले के अनुसार, पंजाब से ताल्लुक रखने वाले भारतीय दोषियों को अब एक से साढ़े तीन साल तक जेल की सजा काटनी होगी।
दुबई के भारतीय व्यापारी एस. पी. एस. ओबरॉय द्वारा संचालित भारतीय धर्मार्थ संगठन, सरबत दा भला ने पीड़ित मोहम्मद फरहान के परिवार को क्षतिपूर्ति स्वरूप धनराशि का भुगतान किया और वे इन भारतीय आरोपियों को क्षमादान देने पर राजी हो गए।
एक अखबार की रपट के अनुसार, इन भारतीय दोषियों को अक्टूबर 2016 में पाकिस्तानी नागरिक फरहान को 2015 में अवैध शराब की बिक्री के दौरान हुए विवाद में हत्या करने का दोषी ठहराया था।
इस मामले में 11 लोग दोषी ठहराए गए थे, लेकिन बाद में उनमें से एक मौत की सजा से बच गया था।
पीड़ित के पिता मार्च माह में अल ऐन अपीली अदालत में पेश हुए थे और प्रतिवादियों को माफ करने की अपनी सहमति का एक पत्र दाखिल किया था।
सरबत दा भला ट्रस्ट के अध्यक्ष ओबरॉय ने कहा, “इन आरोपियों में से पांच जल्द ही अपने घर वापस लौटेंगे।” उन्होंने कहा, “बाकी इस वर्ष के अंत तक या 2018 की शुरुआत में अपनी सजा काटने के बाद घर वापस लौटेंगे।”
भारतीय दूतावास में सामुदायिक मामलों के प्रथम सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि यह फैसला दोषियों और उनके परिवार के लिए बड़ी राहत है, जो जुलाई 2015 से जेल में हैं और पिछले साल इन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।