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मोदी से मिले तमिलनाडु मुख्यमंत्री, योजनाओं के लिए मांगी मदद

नई दिल्ली | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) शुरू करने के फैसले पर पुनर्विचार करे और छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य को इससे छूट प्रदान करे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को तमिलनाडु में सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों तथा सरकारी कोटा की सीटों को एनईईटी से छूट प्रदान करनी चाहिए।

उन्होंने कावेरी जल न्यायाधिकरण के फैसलों को लागू करने के तहत कावेरी नदी प्रबंधन प्राधिकरण तथा एक नियामक समिति का गठन करने में केंद्र सरकार के तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत पर जोर दिया। पलनीस्वामी ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह सुनिश्चित करें कि इस साल सूखे की मार झेल रहे किसानों को फसल नुकसान बीमा के तहत भुगतान का तुरंत निपटारा करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय बीमा कंपनियों को निर्देश जारी करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को राज्य में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में केंद्र सरकार की सहायता को लेकर प्रदेश की विभिन्न मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि इन मांगों में तमिलनाडु में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को केंद्र की तत्काल मंजूरी, कावेरी तल के संरक्षण के लिए 14,500 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी शामिल हैं। इसका क्रियान्वयन राष्ट्रीय योजना के तौर पर होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि केरल सरकार को निर्देश दें कि वह भवानी नदी पर बांध निर्माण की योजनाओं को आगे न बढ़ाए। उन्होंने केंद्र से यह भी मांग की है कि वह केरल सरकार को सलाह दे कि वह पांबा, अचनकोइल तथा वाईप्पार नदियों के अतिरिक्त पानी को समुद्र में जाने से रोकने की तमिलनाडु की योजना को स्वीकार करे, जिससे तमिलनाडु तथा केरल दोनों लाभान्वित होंगे।

उन्होंने कहा कि केरल को इन नदियों के जल से जल विद्युत उत्पादन करने की योजना बनाने की सलाह देनी चाहिए। पलनीस्वामी ने कहा कि केंद्र को बारिश के जल को संरक्षित करने की योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का अनुदान देना चाहिए। योजना में नदियों, झीलों से गाद निकालने तथा बारिश के पानी का संरक्षण कार्यक्रम शामिल है, जिसे दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने पेश किया था।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मछुआरों के विकास के लिए 86 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसके लिए तमिलनाडु सरकार ने अपनी तरफ से 200 करोड़ रुपये दिए हैं।

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