रोड़ रास्ते से सहारनपुर पहुंची मायावती, बताया पक्षपात का नतीजा
सहारनपुर | उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि सहारनपुर में हुई घटना दर्दनाक है। यह घटना पक्षपात की वजह से हुई है। मायावती दिल्ली से सड़क मार्ग से सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव पहुंचीं, लेकिन पहुंचने में निर्धारित समय से ढाई घंटे विलंब हो गया।
बसपा अध्यक्ष के पहुंचते ही वहां पर उपस्थित भीड़ पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगी। मायावती की मौजूदगी में दलितों ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसी के बीच मायावती ने शब्बीरपुर में जले हुए घरों को देखा। इन घरों को राजपूतों ने जलाया था और दलितों की पिटाई की थी।
मायावती ने कहा, “सहारनपुर में हुई घटना दर्दनाक है। भाजपा की सरकार जातिवादी सरकार है। यह सरकार पक्षपात कर रही है। सहारनपुर की घटना पक्षपात की वजह से हुई है। कोई भी सरकार समाज को जोड़ती है, लेकिन भाजपा की सरकार समाज को तोड़ने के लिए आई है।”
मायावती ने शब्बीरपुर गांव में हुई घटना पर पार्टी फंड से मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिनके घर जले, उन्हें 50 हजार रुपये और जिनके घर में कम नुकसान हुआ है, उन्हें 25 हजार रुपये दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार दलितों की रक्षा करने में विफल है। जिला प्रशासन और पुलिस पक्षपात कर रही है। सरकार की शह पर यहां जिला व पुलिस प्रशासन दलित विरोधी काम कर रहा है। बसपा अध्यक्ष नई दिल्ली से सड़क मार्ग से सहारनपुर के गांव शब्बीरपुर पहुंचीं। उनका गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर में एक दर्जन से अधिक जगहों पर स्वागत किया गया।
मायावती सुबह 9़ 15 बजे कार से नई दिल्ली से शब्बीरपुर के लिए रवाना हुईं। उन्हें दिन में करीब एक बजे शब्बीरपुर गांव पहुंचना था। वह हेलीकॉप्टर से जाना चाहती थीं, लेकिन जिला प्रशासन ने हेलीपैड की सुविधा देने से इनकार कर दिया। सड़क मार्ग से वह 3़ 30 बजे वहां पहुंचीं। पुलिस व जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम को लेकर अपने स्तर से तैयारियां की थीं।
पांच मई को सहारनपुर जिले के बड़गांव थाना क्षेत्र के शब्बीरपुर में बिना अनुमति जुलूस निकाले जाने को लेकर ठाकुरों और दलितों के बीच पथराव और गोलीबारी हुई। ठाकुरों ने कई दलितों के घरों में आग लगा दी और उनके धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ की। खबर है कि मंगलवार को मायावती के शब्बीरपुर से रवाना होने के बाद ठाकुरों और दलितों के बीच फिर झड़प हुई।