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निर्वाचन आयोग ने ईवीएम से छेड़छाड़ की शंकाओं को खारिज किया

नई दिल्ली | निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ की विपक्षी पार्टियों की शंकाओं को शनिवार को दूर करते हुए ईवीएम के निर्माण, मतदान, उन्हें लाने-ले जाने या एक जगह इकट्ठा किए जाने के दौरान उनसे छेड़छाड़ की संभावनाओं को खारिज किया। ईवीएम की कार्यप्रणाली से लोगों को अवगत कराने के लिए एक सार्वजनिक कार्यक्रम के आयोजन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) नसीम जैदी ने कहा कि मशीनों की कार्यप्रणाली को लेकर लोगों के दिमाग में शंका पैदा करने वाले लोग कोई भी पुख्ता जानकारी नहीं दे पाए, जो ईवीएम के हैक होने के उनके दावों का समर्थन कर सकें।

उन्होंने कहा कि मशीन में न तो कोई चिप है और न ही कोई डेटा स्टोर किया गया है, जिससे किसी बाहरी उपकरणों जैसे मोबाइल फोन, ब्लूटूथ तथा बाहरी वायरलेस, वाई-फाई और इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से छेड़छाड़ की जा सके। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि किसी भी कोडेड सिग्नल से नतीजों में बदलाव नहीं लाया जा सकता।

जैदी ने कहा, “किसी भी ट्रोजन हॉर्स मैलवैयर से ईवीएम के सॉफ्टयवेयर से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।” उन्होंने ईवीएम के निर्माण के दौरान भी मशीन से किसी प्रकार की छेड़छाड़ से इनकार किया। उन्होंने कहा, “न तो निर्माण के दौरान मशीन के साथ छेड़छाड़ संभव है और न ही इसके सिक्योरिटी सॉफ्टवयेर के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।”

जैदी ने कहा, “सुनियोजित तरीके से भी निर्माण प्रक्रिया के दौरान कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, क्योंकि मशीनों के निर्माता को उम्मीदवारों की संख्या के बारे में पता नहीं होता।” सीईसी ने कहा, “यहां तक कि निर्वाचन आयोग के पास भी पहले से कोई विस्तृत जानकारी नहीं होती। आयोग को उम्मीदवार, उनके नाम या उनके नंबर के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं होती।” उन्होंने कहा कि मतगणना प्रक्रिया के दौरान भी मशीन के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है।

जैदी ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने पहले ही घोषणा कर दी है कि भविष्य में होने वाले सभी चुनाव वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों के साथ होंगे और इन मशीनों के निर्माण का ऑर्डर दे दिया गया है। सीईसी ने कहा, “इस साल अगस्त से निर्माता वीवीपैट मशीनों के साथ ईवीएम का निर्माण शुरू कर देंगे और सितंबर 2018 में ये मशीनें निर्वाचन आयोग को मिल जाएंगी।” उन्होंन कहा कि इससे मतदाताओं का पारदर्शी चुनाव में भरोसा कायम होगा।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों के साथ-साथ अन्य तथ्यों से ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की संभावना की शंकाओं को दूर कर दिया जाना चाहिए।

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