अनिल दवे पंचतत्व में हुए विलीन, याद में लगाये जायेंगे पौधे
भोपाल | मध्य प्रदेश से सांसद और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का शुक्रवार सुबह अंतिम संस्कार उनकी इच्छा के अनुरूप होशंगाबाद जिले में नर्मदा नदी के तट पर बांद्राभान में राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया। दवे की अंतिम यात्रा उनके भोपाल स्थित आवास ‘नदी के घर’ से शुरू हुई। उनके शव को तिरंगे में लपेट कर ले जाया गया।
उनकी अंतिम यात्रा में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, अनंत कुमार व हर्षवर्धन, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कई वरिष्ठ पदाधिकारी सिंहत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सभी ने अंत्येष्टि से पहले दवे को श्रद्धांजलि दी।
दवे के निधन के बाद उनकी वसीयत सामने आई थी, जिसमें उन्होंने अंतिम संस्कार बांद्राभान में किए जाने की इच्छा जताई थी। साथ ही उसमें उनकी याद में स्मारक आदि न बनाकर पेड़ लगाने की बात कही गई है। बांद्राभान वह स्थान है, जहां दवे द्वारा हर दो वर्ष में अंतर्राष्ट्रीय नदी महोत्सव आयोजित किया जाता था।
अनिल दवे की इच्छा के मुताबिक, उनके पार्थिव शरीर को भोपाल से होशंगाबाद के बांद्राभान ले जाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके छोटे भाई अभय दवे ने मुखाग्नि दी। ज्ञात हो कि दवे का गुरुवार को दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। दवे के पार्थिव शरीर को देर शाम विशेष विमान से भोपाल लाया गया था। उसके बाद उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए भाजपा के प्रदेश कार्यालय में रखा गया था।