मरणासन्न मरीजों को इच्छामृत्यु देने पर विचार कर रहा आस्ट्रेलिया
मेलबर्न | आस्ट्रेलिया का विक्टोरिया प्रांत मरणासन्न मरीजों को इच्छामृत्यु की इजाजत देने संबंधि कानून लाने पर विचार कर रहा है। गुरुवार को अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। समाचार एजेंसी के अनुसार मंत्री स्तरीय एक सलाहकार समिति इस ऐतिहासिक कानून का मसौदा तैयार कर रहा है, जो मरणासन्न मरीजों को इच्छामृत्यु की इजाजत देगा।
इस सलाहकार समिति का गठन विक्टोरिया में जीवन के आखिरी दौर से गुजर रहे स्वस्थ दिमाग वाले व्यस्क व्यक्तियों को इच्छामृत्यु की इजाजत देने की सिफारिश की जांच के बाद 2016 में किया गया।
जांच रिपोर्ट में की गई सिफारिश के बावजूद संसदीय समिति मरणासन्न व्यक्ति के जीवन के आखिरी क्षणों की समयसीमा तय करने पर विचार कर रहा है, जो 6, 12, 18 या 24 महीने हो सकती है।
समिति को इच्छामृत्यु की पात्रता के संबंध में रूपरेखा तैयार करने के लिए पूरे प्रांत से 300 से अधिक सुझाव-पत्र मिले हैं। संसदीय समिति के अध्यक्ष ब्रायन ओलर ने आस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन (एबीसी) से कहा, “इस बात पर हम सभी एकमत थे कि मरीज की ‘चिरस्थायी असहनीय पीड़ा’ का निर्धारण खुद मरीज के विचार के आधार पर तय होना चाहिए, न कि दूसरों के।”
प्रस्तावित कानून के मुताबिक, डिमेंशिया पीड़ित व्यक्ति इच्छामृत्यु की मांग नहीं कर सकते, क्योंकि ऐसे मरीजों में निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती। हालांकि मोटर न्यूरॉन, पार्किं सन और मल्टी सीलेरोसिस से पीड़ित मरीज इच्छामृत्यु के हकदार होंगे।
समिति के प्रस्तावों के मुताबिक, इच्छामृत्यु की मांग मरीज की ओर से उठनी चाहिए और मरीज द्वारा इस तरह की मांग तीन बार किए जाने के बाद ही उस पर विचार किया जाएगा। मरीज को तीन बार इच्छामृत्यु की इजाजत मांगने के लिए कम से कम एक बार लिखित आवेदन करना होगा।
इच्छामृत्यु की मांग पर मजूंरी हासिल करने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त और कम से कम पांच वर्ष के अनुभवी दो स्वतंत्र चिकित्सकों की मंजूरी लेनी होगी।