मिस्बाह, युनिस ने क्रिकेट को अलविदा कहा
रोसू | पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान मिस्बाह उल हक और सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाज युनिस खान ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। दोनों बल्लेबाजों ने वेस्टइंडीज के खिलाफ रोसू के विंडसर पार्क मैदान पर अपने करियर का आखिरी मैच खेला और जीत के साथ विदाई ली। दोनों ने इस श्रृंखला शुरू होने से पहले ही रोसू टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा कर दी थी।
इस रोमांचक मैच में पाकिस्तान ने मेजबान वेस्टइंडीज को 101 रनों से हरा दिया। यह पाकिस्तान की वेस्टइंडीज की जमीं पर पहली टेस्ट श्रृंखला जीत थी। इसी के साथ पाकिस्तान के दो दिग्गज सितारों ने जीत के साथ क्रिकेट से विदाई ली।
मिस्बाह ने आठ मई 2001 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकटे में पदार्पण किया। उन्होंने अपने करियर में 75 टेस्ट मैच खेले और 46.62 की औसत से 5,222 रन बनाए जिसमें 10 शतक और 59 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं उन्होंने 162 एकदिवसीय मैचों में 43.40 की औसत से 5,122 रन बनाए। एकदिवसीय में मिस्बाह के नाम एक भी शतक नहीं हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 96 है। उन्होंने एकदिवसीय में 42 अर्धशतक जमाए हैं।
मिस्बाह ने 39 टी-20 मैचों में 37.52 की औसत से 788 रन बनाए हैं। टी-20 में मिस्बाह ने तीन अर्धशतक जड़े हैं जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 87 है।
मिस्बाह पाकिस्तान के इतिहास के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं। उन्हीं की कप्तानी में ही पाकिस्तान ने बुरे दौर से निकलते हुए नंबर-1 टीम का दर्जा हासिल किया था। मिस्बाह ने 56 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की है जिसमें से 26 में वह विजयी रहे जबकि 19 हार और 11 ड्रॉ उनके हिस्से आए।
युनिस ने इसी श्रृंखला में टेस्ट क्रिकेट में अपने दस हजार रन पूरे किए। वह ऐसा करने वाले अपने देश के पहले बल्लेबाज हैं। उन्होंने 13 फरवरी 2000 में कराची में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए एकदिवसीय मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था।
उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच भी श्रीलंका के खिलाफ 26 फरवरी को रावलपिंडी में खेला था। युनिस ने 118 टेस्ट मैच देश के लिए खेले और 52.05 की औसत से 10099 रन बनाए जिसमें 34 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट में उनका सर्वोच्च स्कोर 313 है।