चुनाव हारने के बाद मायावती ने मुसलमानों को धोखेबाज कहा : नसीमुद्दीन
लखनऊ | उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निकाले गए वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती ने चुनाव के बाद उन्हें बुलाकर मुसलमानों को गद्दार बताया और खुद उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। नसीमुददीन ने लखनऊ में अपने आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए मायावती पर काफी गम्भीर आरोप लगाए। नसीमुददीन ने मायावती के साथ अपनी बातचीत के कई ऑडियो भी जारी किए। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास करीब 150 सीडी मौजूद हैं, जो समय आने पर जारी की जाएंगी।
नसीमुददीन ने कहा, “मायावती ने मुझे बुलाकर मुसलमानों को गद्दार बताया। मैंने आपत्ति की कि ऐसा मत कहें। मैंने कहा कि मैं किसी मौलाना को लेकर आपके पास नहीं आया। इसके बाद मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनावों में उच्च वर्ग, पिछड़े वर्ग के मतदाताओं ने भी बसपा को वोट नहीं दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दलितों में धोबी, सोनकर, पासी और कोरी ने भी बसपा को वोट नहीं दिया।”
एक समय मायावती के विश्वासपात्र रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि जब तक गठबंधन (समाजवादी पार्टी व कांग्रेस का) नहीं हुआ था, मुसलमान हमारे साथ था। लेकिन, गठबंधन होने के बाद मुसलमान उलझ गया और वोट बंट गया। ऐसा नहीं है कि हमें मुसलमानों को वोट नहीं मिला, लेकिन, हां इस गठबंधन के होने के बाद कम मिला।”
उन्होंने कहा, “मेरी बात से असहमति जताते हुए मायावती ने मुझे गाली दी और कहा कि मैं उन्हें मूर्ख बना रहा हूं। मायावती ने कहा कि मुसलमान धोखेबाज हैं। दाढ़ी वालों ने कभी बसपा का साथ नहीं दिया।” नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती ने सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं बल्कि धोबी, पासी, कहार सभी को बुरा भला कहा।
अपने ऊपर लगे आरोपों पर नसीमुद्दीन ने कहा कि उनके और बेटे के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं और तथ्यों को छुपाया गया है। सिद्दीकी ने मायावती पर पैसे मांगने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ” बसपा सुप्रीमो ने मुझसे 50 करोड़ रुपये मांगे। कहा कि जैसे भी हो पैसा लाओ, तभी पार्टी में आगे बढ़ पाओगे। भले ही तुम्हें इसके लिए अपनी संपत्ति ही क्यों न बेचनी पड़े।”