गायत्री प्रजाप्रति को जमानत देने वाले न्यायाधीश निलंबित
लखनऊ | इलाहाबाद उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजाप्रति को जमानत देने वाले न्यायाधीश ओम प्रकाश मिश्रा को निलंबित कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोंसले ने न्यायाधीश द्वारा समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता को जमानत दिए जाने पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अतिरिक्त जिला और सत्र अदालत के न्यायाधीश की सभी शक्तियां भी छीन लीं।
मिश्रा लखनऊ में बाल यौन अपराध संरक्षण (पोस्को) अदालत में थे। वह 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उच्च न्यायालय के महापंजीयक डी.के. सिंह ने शनिवार को मिश्रा के निलंबन की पुष्टि की। उच्च न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला आया है, जिसमें योगी आदित्यनाथ सरकार ने दागी मंत्री को जमानत दिए जाने को चुनौती दी थी।
गायत्री प्रजापति पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में खनन और परिवहन मंत्री थे। उनके खिलाफ अवैध खनन को संरक्षण देने के आरोप की सीबीआई जांच भी जारी है। अमेठी से पूर्व विधायक पर एक महिला के साथ दुष्कर्म और उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म के प्रयास का आरोप है।