नई दिल्ली | सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय ने कहा कि लगभग 50 लाख इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों के साथ ही साल 2017 के अंत तक भारत में डिजिटल भुगतान का बुनियादी ढांचा तीन गुना तक बढ़ने की संभावना है। मंत्रालय की सचिव अरुणा सुंदरराजन ने यहां कहा, “हमें उम्मीद है कि दिसंबर तक पीओएस मशीनों की संख्या बढ़कर 50 लाख हो जाएगी, जिसका मतलब है कि एक साल के अल्पकालीन अंतराल में डिजिटल भुगतान का बुनियादी ढांचा तीन गुना तक बढ़ने जा रहा है।”
सुंदरराजन ने कहा कि नोटबंदी के बाद देश में पीओएस मशीनों का इस्तेमाल पहले ही दोगुना हो चुका है। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि बीते 30 वर्षो या इससे अधिक समय के दौरान पीओएस मशीनों की संख्या लगभग 15 लाख थी। नोटबंदी के बाद पिछले चार महीनों के भीतर यह संख्या दोगुनी हो गई और आज की तारीख में 30 लाख पीओएस मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है।”
सुंदरराजन ने ये बातें इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) तथा निल्सन की संयुक्त रिपोर्ट ‘इंडेक्स ऑफ इंटरनेट रेडिनेस ऑफ इंडियन स्टेट्स’ के विमोचन के मौके पर कहीं।