राम मंदिर पर प्राण न्यौछावर करने को तैयार उमा भारती
नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी सहित कई वरिष्ठ नेताओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाबरी विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाए जाने का आदेश देने के बाद उमा भारती ने एक प्रेस कांफ्रेंस में अपनी बात रखी। उमा भारती ने मंत्री पद से इस्तीफा देने से साफ इंकार करते हुए कहा कि राम मंदिर के लिए फांसी पर भी चढ़ने को तैयार हूं। उमा ने कहा कि वहां कोई साजिश नहीं थी जो कुछ भी था वह खुल्लम खुल्ला था। ढांचा गिराने के लिए कोई साजिश नहीं की गई थी।
उमा ने कहा कि जो अयोध्या में हुआ उसका माहौल बहुत पहले बन गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में राम का भव्य मंदिर बन कर रहेगा। उमा ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन की वजह से ही भाजपा यहां तक पंहुची है। मुझे राम मंदिर आंदोलन का हिस्सा बनने पर गर्व है।
उन्होंने कहा कि आज ही अयोध्या जाउॅंगी और रामलला के दर्शन करूंगी। उमा ने कहा कि हिंदू भावनाओं को भड़काया गया। कहा कि, सफदर हाशमी की संस्था जिसे तत्कालीन एचआरडी मिनिस्ट्री अनुदान देती थी, ने जब अपने प्ले में यह बताया कि सीता भगवान राम की बहन थीं तो हिंदुओं की भावनाएं भड़कना स्वाभाविक था।
वामपंथियों पर भड़कते हुए उमा ने कहा कि उस समय तो हमारी बात ही नहीं सुनी जाती थी। एक सरकारी चैनल दूरदर्शन था जो हमारे खिलाफ खबरें दिखाता था, अखबार सारे के सारे वामपंथियों के इशारे पर चलते थे। उस समय तो हिंदू कहना या राम का नाम लेना भी गुनाह था। आज तो हम आपके माध्यम से अपनी बात भी कह पा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाबरी केस का मुझे कभी खेद नहीं रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टिप्पणी करने से उमा भारती ने इंकार करते हुए कहा कि माननीय कोर्ट के आदेश पर कुछ कहना कोर्ट की अवमानना है अब जो कुछ भी कहना होगा कोर्ट में कहूंगी।
गौरतलब है कि आज सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार समेत भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश (धारा 120 बी)के तहत मुकदमा चलेगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट रोज के रोज सुनवाई करके दो साल के अंदर केस का फैसला दे इस दौरान संबंधित कोर्ट के किसी भी जज का तबादला नहीं होगा।