लालू पर बेनामी संपत्ति अर्जित करने का मोदी आरोप
पटना | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी इन दिनों राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद पर कथित बेनामी संपत्ति अर्जित करने का लगातार आरोप लगा रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने मंगलवार को नया खुलासा किया और कहा कि रेलमंत्री रहते हुए कई कंपनियों द्वारा बेनामी संपत्ति खरीदी गई और बाद में उसे सुनियोजित तरीके से लालू परिवार के नाम कर दिया गया। मोदी ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ओमप्रकाश कत्याल नामक एक व्यक्ति ने लालू प्रसाद के लिए बेनामी संपत्ति खरीदने के लिए वर्ष 2006 में ए़ क़े इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई।
कंपनी ने मार्च, 2007 में 39 लाख रुपये में पटना के पानापुर में 28़57 डिसमिल और चितकोहरा में 43 डिसमिल यानी कुल 72 डिसमिल जमीन खरीदी। उन्होंने कहा कि कंपनी ने लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव और तेजप्रताप यादव को प्रभुनाथ यादव से उपहारस्वरूप मिली सलेमपुर डुमरा में जमीन सहित दो मंजिला पक्का मकान, जिसकी कीमत 14 लाख रुपये थी, उसे 70 लाख रुपये में खरीद ली। मोदी का आरोप है कि इस बीच ओ़पी़ कत्याल ने 80 लाख रुपये तथा उसके भाई अमित कत्याल ने 35 लाख रुपये का कर्ज कंपनी को दिया, जिससे तेजस्वी और तेजप्रताप के लिए और जमीन खरीदी जा सके।
मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 में कत्याल परिवार इस कम्पनी से हट गए और कंपनी के मालिक लालू प्रसाद का परिवार बन गया। भाजपा नेता ने कहा कि वर्तमान में कत्याल परिवार की कंपनी में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी की तथा 15 प्रतिशत हिस्सेदारी तेजस्वी प्रसाद की है, जबकि लालू और उनकी पुत्री रागिनी व चन्दा यादव कंपनी के निदेशक हैं।
मोदी ने सवाल किया, “आखिर ए़ क़े इंफोसिस्टम कंपनी ने जमीन खरीदने के अलावा कोई और रोजगार क्यों नहीं किया। कत्याल परिवार ने कंपनी को एकमुश्त कर्ज क्यों दिया? मोदी ने यह भी प्रश्न खड़ा किया है कि भूमिहीन प्रभुनाथ ने मकान और जमीन तेजप्रताप को उपहार में दिया और कत्याल परिवार ने 45 महीने में ही नौ गुणा अधिक कीमत में उसे क्यों खरीद लिया।”
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी मोदी ने लालू परिवार पर बेनामी संपत्ति खरीदने के आरोप लगाए थे। लालू और राजद के नेता ने हालांकि उन आरोपों को निराधार बताया है।