सेना की जीप पर बंधा शख्स आया सामने, जाने पूरी कहानी
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में आर्मी जिस शख्स को अपनी जीप के आगे बांधकर परेड करती नजर आ रही थी उस शख्स की पहचान हो गई है। यह मामला तब खबर में आया जब पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने यह वीडियो शेयर किया था। बताया जा रहा है, जिस शख्स के साथ हुआ था। उसका नाम फारुख अहमद डार है। फारुख ने इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र में दिये बयान में बताया कि वह पत्थर फेंकने वालों में शामिल नहीं है।
उसने कहा, ‘मैं कभी भी पत्थर नहीं फेंके, मैंने अपनी पूरी जिंदगी में पत्थर नहीं उठाया। मैं कढ़ाई का काम करता हूं । उस घटना के बाद से फारुख बड़ा परेशान है। उसने डर की वजह से शिकायत भी नहीं की। फारुख ने अपने आगे बयान में बताया कि यह वीडियो 9 अप्रैल का है। फारुख के मुताबिक, उस दिन आर्मी ने उसको सुबह 11 बजे पकड़ा और तकरीबन चार घंटे तक लगभग 25 किलोमीटर तक ऐसे ही घुमाया।
आपकों बता दू कि इस वीडियों को सरकार की तरफ से अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। साथ ही सेना ने भी जांच के आदेश दिये हैं। फारुख ने अपने बयान में यहां तक कहा कि उसकी छाती पर एक सफेद कागज लगाकर उसपर फारुख का नाम लिखा गया था। साथ ही जीप में बैठे आर्मी वाले चिल्ला रहे थे कि अब अपने किसी पर पत्थर फेंक कर दिखाओ।
फारुख के मुताबिक, उसकी ऐसी हालत देखकर कोई पास आने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था और सब वहां से भाग रहे थे। फारुख आगे बताया कि चार बजे के करीब उसको आर्मी कैंप में ले जाया गया जहां उसको मारा-पीटा नहीं गया। वहां उसको चाय पिलाई गई और फिर उसके गांव के सरपंच के हवाले कर दिया गया। इस पूरी घटना में फारुख के हाथ में चोट आई है।
घटी में इन दिनों दो वीडियो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। जिस वीडियो में सीआरपीएफ के जवान की पिटाई हो रही है, एक फारुख का इन दोनों वीड़ियों पर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शोक व्यक्त किया है। साथ ही आपको यह भी अवगत करा दूं की फारुख के वीडियों की सेना के साथ सरकार ने भी अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। वीडियों में सेना की भूमिका को भी साफ तौर पर देखा नहीं जा सकता। यह वीडियों पूर्व सीएम उमर अब्दुला ने सीआरपीएफ सेना के वीडियों के बाद सोशल मीडिया पर डाला था।