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अफगानिस्तान में गिरा दुनिया का सबसे बड़ा बम, 36 आतंकी मरें

काबुल | अफगानिस्तान सरकार ने कहा है कि देश के पूर्वी इलाके में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए अमेरिकी सुरक्षा बलों द्वारा गिराए गए ‘मदर ऑफ ऑल बम’ के बारे में उसे जानकारी थी और इसे लेकर वह लगातार अमेरिकी सुरक्षा बलों के संपर्क में थी। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने घोषणा में कहा कि अमेरिकी सेना द्वारा गुरुवार को नांगरहार प्रांत के अचिन जिले में आईएस के ठिकाने पर 10 टन वजनी विशालकाय जीबीयू-43 बम के हमले में कम से कम 36 आतंकवादी मारे गए हैं।

खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति के कार्यालय, एआरजी पैलेस ने शुक्रवार को कहा कि हमला अफगानिस्तानी सुरक्षाबलों तथा देश में मौजूद विदेशी सैनिकों के समन्वय में हुआ। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ट्विटर पर कहा, “इस हमले में नागरिकों को क्षति से बचाने के लिए एहतियात बरते गए थे।”

एक अधिकारी ने कहा कि हवाई हमले में आतंकवादियों के भारी मात्रा में विस्फोटक तथा हथियार भी नष्ट हुए हैं। बयान के मुताबिक, देश तथा दुनिया में शांति व स्थिरता बरकरार रखने के लिए अफगानिस्तान के सुरक्षाबल आतंकवाद के खात्मे के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

वहीं, अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिकी सुरक्षाबलों ने एक बयान में कहा, “साल 2017 में अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठनों को हराने के प्रयास के तहत अमेरिकी सुरक्षाबल ने अफगानिस्तान में गुरुवार शाम 7.32 बजे (स्थानीय समयानुसार) नांगरहार प्रांत के अचिन जिले में आईएस की एक सुरंग परिसर पर हवाई हमला किया।”

अफगानिस्तान में अमेरिकी सुरक्षाबलों के कमांडर जनरल जॉन निकोल्सन ने कहा, “चूंकि आईएस को होनेवाली क्षति बढ़ रही है, इसलिए वह अपनी रक्षा के लिए आईईडी, बंकर व सुरंगों का इस्तेमाल कर रहा है। इन बाधाओं को दूर करने तथा आतंकवादी समूह के खिलाफ हमारे हमलों की गति को बरकरार रखने की दिशा में यह एक उपयुक्त विस्फोटक है।”

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बमबारी को ‘एक अन्य सफल अभियान’ करार दिया। इस साल जनवरी महीने में ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर आसीन होने के बाद अमेरिका द्वारा यमन में सैन्य छापेमारी तथा पिछले सप्ताह सीरिया में अचानक हमले के बाद यह तीसरी अहम सैन्य कार्रवाई है।

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