बोको हराम ने आत्मघाती हमलों में बच्चों का इस्तेमाल तीन गुना बढ़ाया
जेनेवा, 12 अप्रैल (आईएएनएस)| नाइजीरिया के आतंकवादी समूह बोको हराम ने साल 2017 के शुरुआती तीन महीनों में 2016 के इसी अवधि के मुकाबले आत्मघाती हमलावरों के रूप में बच्चों का इस्तेमाल तीन गुना बढ़ा दिया है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, यूनीसेफ की रपट ‘साइलेंट शेम : ब्रिंगिंग आउट द वॉइसेज ऑफ द चिल्ड्रन काट इन द लेक चाड क्राइसिस’ में बुधवार को कहा गया है कि चाड झील के आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय इस्लामी चरमपंथी समूह बोको हराम द्वारा 2016 की पहली तिमाही के नौ मामलों की तुलना में इस साल जनवरी से लेकर मार्च तक आत्मघाती हमलों को अंजाम देने के लिए 27 बच्चे इस्तेमाल किए गए हैं।
यूनीसेफ ने कहा है कि यह वृद्धि विद्रोहियों की खतरनाक रणनीति को दर्शाती है। यूनीसेफ की क्षेत्रीय निदेशक (पश्चिम व मध्य अफ्रीका) मेरी-पियरे पॉइरियर ने कहा, “इस साल के शुरुआती तीन महीनों में बम हमलों में इस्तेमाल किए गए बच्चों की संख्या लगभग पिछले साल पूरे समय में इस्तेमाल किए गए बच्चों की संख्या के जितना ही है..यह संघर्ष में बच्चों का संभवत: सबसे बुरी तरह इस्तेमाल है।”
रपट के अनुसार, कैमरून, चाड, नाइजर और नाइजीरिया सहित सार्वजनिक जगहों पर बम हमलों के लिए पिछले चार सालों में 117 बच्चों का इस्तेमाल किया गया। साल 2014 में चार, 2015 में 56, 2016 में 30 और इस साल की पहली तिमाही में 27 बच्चों को आत्मघाती हमलावर के रूप में इस्तेमाल किया गया है।
रपट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि इन हमलों को अंजाम देने में ज्यादातर लड़कियों का इस्तेमाल हुआ है। इसके परिणामस्वरूप बच्चों को समाज के लिए खतरा माना जाने लगा है।
पॉइरियर ने जोर देते हुए कहा,”ये बच्चे पीड़ित हैं, अपराधी नहीं।” यूनीसेफ ने खुलासा किया कि किसी तरह बोको हराम के चंगुल से बच कर भागे बच्चे डर के कारण अपने अनुभव नहीं बताते हैं, जबकि कई बच्चों को आतंकवादी समूह के साथ संबंध होने के संदेह के चलते अधिकारियों द्वारा लंबे समय तक हिरासत में रखा जाता है।
इस संकट के मद्देनजर संगठन ने आग्रह किया है कि हिरासत में लिए गए बच्चों को सुरक्षित स्थान, मनोवैज्ञानिक सहायता देने और समाज से उन्हें फिर से जोड़ने के लिए फौरन नागरिक अधिकारियों को सौंप देना चाहिए।