उत्तर प्रदेशप्रदेश

मत्स्य विभाग को 100 दिन में लक्ष्य पूरा करने के निर्देश

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ इससे जुड़े लोगों के कल्याण के लिए कार्य करेगी। मुख्यमंत्री ने 100 दिनों में विभाग के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने साथ ही गंगा तथा यमुना नदियों के बीच पड़ने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तालाब खुदाई कार्यक्रम को लागू करने के निर्देश दिए, ताकि मत्स्य-पालकों को सुविधा हो सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि मत्स्य विभाग के निर्धारित लक्ष्यों को 100 दिनों में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा, “प्रदेश में मछुआ समुदाय की पर्याप्त आबादी मौजूद है, जो मत्स्य पालन को बढ़ाने में कारगर साबित हो सकते हैं। प्रदेश में महत्वपूर्ण मत्स्य पालन के लिए आवश्यक निवेश स्थानीय स्तर पर सुलभ हैं और मत्स्य विपणन के अच्छे अवसर मौजूद हैं।” साथ ही योगी ने कहा कि प्रदेश में विस्तृत और विविध प्राकृतिक जल संसाधन प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं, जिनका भरपूर दोहन किया जाना चाहिए।
मत्स्य एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए इस सेक्टर की कठिनाइयों से निपटने और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “कमजोर व निष्क्रिय मत्स्य जीवी सहकारी समितियों को सक्रिय किया जाए, ताकि मत्स्य पालन में तेजी आ सके। मत्स्य कृषकों की समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए।”
योगी ने राष्ट्रीय मछुआ कल्याणकारी योजना के तहत राज्य में संचालित मछुआ आवास योजना का नाम बदलकर निषाद राज गुह्य आवास योजना करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या बढ़ाकर इसे प्रदेश के मछुआ समुदाय बहुल 33 जिलों में लागू किया जाए। पूरे प्रदेश में मछुआ समुदाय के लिए एक समान पट्टा नीति लागू की जाए।”
मुख्यमंत्री ने दुग्ध विकास विभाग का प्रस्तुतीकरण देखते हुए कहा, “पुरानी डेयरियों को क्यों बंद किया जा रहा है और नई डेयरियां कैसी लग रही हैं, इसकी समीक्षा की जाए। प्रदेश में मौजूद 59 दुग्ध संघों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया जाए। विभाग द्वारा संचालित की जा रही वीआरएस योजना को रोक दिया जाए।”
उन्होंने कहा, “दुग्ध संघों को हर हाल में चलाने की कार्रवाई की जाए। इनकी असफलता में कुप्रबंधन का बहुत बड़ा हाथ है। दुग्ध संघों की संपत्ति किसी भी हाल में नहीं बिकेगी। दुग्ध संघों के पुनरुद्धार की सभी संभावनाओं को तलाशा जाए।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “दुग्ध उत्पादन ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली जनता की एक मुख्य आर्थिक गतिविधि है। ऐसे में इसे हर प्रकार का प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। दुग्ध विकास के माध्यम से प्रदेश में दुग्ध क्रांति लाने के लक्ष्य पर काम किया जाए।”

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