बसपा के दौर में चीनी मिलों की बिक्री की जांच के आदेश
लखनऊ | उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा 21 चीनी मिलों को बेहद सस्ते दामों में बेचे जाने की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार देर रात गन्ना विकास और चीनी उद्योग विभाग की समीक्षा के बाद यह आदेश दिया।
उन्होंने कहा कि किसी को भी सरकारी संपत्तियों को मिट्टी के भाव बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह संपत्ति जनता की है।
आदित्यनाथ ने कहा कि वह मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से भी करा सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर 1,180 करोड़ रुपये के इस घोटाले की तलवार पहले से ही लटकी हुई थी, लेकिन अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली उप्र की पूर्व समाजवादी सरकार ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
ये मिलें उत्तर प्रदेश गन्ना विकास निगम और राज्य के चीनी और गन्ना विकास निगम की थीं।
घोटाले से संबंधित शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि इन मिलों के विक्रय के लिए तत्कालीन बसपा सरकार को भारी रिश्वत दी गई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नवंबर 2012 में लोकायुक्त को मामले की जांच सौंपी थी, लेकिन एक साल तक जांच होने के बाद भी न्यायाधीश एन.के. मेहरोत्रा ने राजकीय खजाने को हुए इस नुकसान के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया। लोकपाल ने सरकार के रुख को सर्वोच्च न्यायालय में पेश किए जाने की सिफारिश की थी, जहां यह मामला लंबित था।