कश्मीर में हिमस्खलन, बाढ़ में 3 जवानों सहित 7 की मौत
जम्मू | जम्मू एवं कश्मीर के बाटलिक सेक्टर में हिमस्खलन की चपेट में आने से तीन जवानों की जान चली गई। राज्य में हिमस्खलन व बाढ़ के कारण पिछले 24 घंटों के दौरान चार अन्य लोगों की मौत हो गई। लद्दाख क्षेत्र के बटालिक सेक्टर में गुरुवार को एक सैन्य चौकी के हिमस्खलन की चपेट में आने से पांच जवान दब गए थे। दो जवानों को तुरंत ही मलबे से निकाल लिया गया था, लेकिन तीन अन्य लापता थे। सेना के उत्तरी कमान के उधमपुर मुख्यालय ने शुक्रवार को तीनों जवानों की मौत की घोषणा की।
वहीं, सेना ने लद्दाख क्षेत्र के काकसर सेक्टर में हुए हिमस्खलन से प्रभावित सभी जवानों को बचा लिया है। इस दौरान सैन्य उपकरणों व सामग्रियों को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। लद्दाख क्षेत्र में पिछले दो दिनों में हुई भारी बर्फबारी के कारण कई स्थानों पर हिमस्खलन हुए हैं। मुख्य रूप से नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आसपास वाले इलाके इससे प्रभावित हुए हैं। जम्मू एवं कश्मीर में बाढ़ व हिमस्खलन से चार अन्य मौतें भी हुई हैं। लद्दाख क्षेत्र के कारगिल में गुरुवार को हुए हिमस्खलन में एक पिता और उसके बेटे की मौत हो गई।
वहीं, जम्मू क्षेत्र के राजौरी जिले में आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई और उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में 10 साल की एक बच्ची की डूबने से मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि बच्ची का शव बहते हुए दूर चला गया। बचाव दलों ने उसके शव को डूबने के स्थान से दो किलोमीटर दूर बरामद किया।राज्य में मूसलाधार बारिश और बाढ़ की वजह से दर्जनभर घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रशासन ने शुक्रवार को घाटी में बाढ़ की घोषणा की।
बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य इंजीनियर मुहम्मद हनीफ लोन ने संवाददाताओं के बताया, “झेलम नदी में आज (शुक्रवार) सुबह आठ बजे अनंतनाग के संगम में जलस्तर 21.50 फुट रहा, जबकि श्रीनगर के राम मुंशीबाग में 20.20 फुट रहा।” लोन ने कहा, “इन दोनों स्थानों पर जलस्तर बाढ़ के स्तर से ऊपर है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने घाटी में बाढ़ की घोषणा कर दी है और इस संदर्भ में सभी आपातकालीन प्रबंध कर लिए गए हैं।” प्रशासन ने सोमवार तक घाटी में सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए हैं। वहीं, रामबन जिले में भूस्खलन और बनिहाल सेक्टर में ताजा बर्फबारी की वजह से जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी बंद रहा।