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आठ विकेट से हराकर भारत ने श्रृंखला पर कब्जा जमाया

धर्मशाला | भारतीय टीम ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) स्टेडियम में खेले गए चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में चौथे दिन मंगलवार को आस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हराकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीत ली है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ संघर्षपूर्ण रही चार टेस्ट मैचों की इस श्रृंखला पर मेजबान टीम ने 2-1 से अपना कब्जा जमााया। इस श्रृंखला का तीसरा टेस्ट मैच दोनों टीमों के बीच ड्रॉ हुआ था।
पुणे में खेले गए पहले टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया ने जीत हासिल की थी और इसके बाद बेंगलुरु में हुए दूसरे टेस्ट मैच को भारत ने जीता था। इसके बाद दोनों टीमों के बीच मैच का स्कोर 1-1 से ड्रॉ हुआ था। भारत की यह चौथी श्रृंखला जीत है, जिसमें उसने पहले टेस्ट मैच में हार का सामना किया था। इससे पहले इंग्लैंड (1972-73), आस्ट्रेलिया (2000-01) और श्रीलंका (2015) के खिलाफ खेली गई श्रृंखला में पहला टेस्ट मैच हारने के बाद भारत ने जीत हासिल की थी।
धर्मशाला में खेले गए चौथे टेस्ट मैच के चौथे दिन मंगलवार को भारत को चौथी पारी में जीत के लिए 106 रनों की जरूरत थी, जिसे उसने चौथे दिन पहले सत्र में ही दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। लोकेश राहुल 51 रन और नियामित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम की कमान संभाल रहे अजिंक्य रहाणे 38 रन बनाकर नाबाद लौटे। राहुल ने 76 गेंदों का सामना किया और नौ चौके लगाए। रहाणे ने 27 गेंदों में चार चौके और दो छक्के लगाए।
इसी के साथ रहाणे ने कप्तान के तौर पर पहले मैच में जीत हासिल करने का रिकार्ड भी अपने नाम किया।  भारत ने आस्ट्रेलिया की पहली पारी के 300 रनों के स्कोर का जवाब देते हुए अपनी पहली पारी में 332 रन बनाकर 32 रनों की बढ़त ली थी। इसके बाद तीसरे दिन आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 137 रनों पर ही सिमट गई। भारत को जीत के लिए 106 रनों की दरकार थी। मेजबान टीम ने तीसरे दिन बिना कोई विकेट खोए 19 रन बनाए थे।
अपने तीसरे दिन के स्कोर से आगे खेलने उतरी भारतीय टीम ने दिन का पहला विकेट मुरली विजय (8) के रूप में गंवाया। वह पैट कमिंस की गेंद पर विकेट के पीछे मैथ्यू वेड के हाथों लपके गए। इसके बाद मैदान पर आए पहली पारी में अर्धशतक लगाने वाले चेतेश्वर पुजारा इस पारी में खाता नहीं खोल पाए। राहुल के साथ रन लेने में गलतफहमी का शिकार हुए और ग्लैन मैक्सवेल ने विकटों पर सीधा निशाना बनाते हुए पुजारा को पवेलियन लौटाया। भारत ने 46 रनों पर अपने दो विकेट गंवा दिए।
इसके बाद उतरे कप्तान रहाणे ने तेजी से रन बनाए और दूसरे छोर पर खड़े राहुल का बखूबी साथ दिया। रहाणे ने कमिंस की गेंद पर लगातार दो चौके जड़े। उन्होंने कमिंस के अगले ओवर में भी चौका मारा। उन्होंने कमिंस के अगले ओवर में दो छक्के मारे और फिर स्टीव ओकीफ की गेंद पर भी चौका मारा। राहुल ने अर्धशतक पूरा करते हुए भारत को जीत दिलाई। राहुल का यह इस श्रृंखला में पांचवां अर्धशतक रहा। आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 300 रन बनाए थे, जिसके बाद भारत ने अपनी पहली पारी में 332 रन बनाकर 32 रनों की बढ़त ले ली थी। इसके बाद मेजबान टीम ने अच्छी गेंदबाजी के दम पर आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 137 रनों पर समेट दी और 106 रनों के लक्ष्य को हासिल कर इस श्रृंखला पर कब्जा जमाया।
इस मैच के समापन के बाद रवींद्र जडेजा को ‘मैन ऑफ द मैच’ और ‘मैन ऑप द सीरीज’ का पुरस्कार दिया गया। भारत के लिए पहली पारी में 63 रन बनाने वाले जडेजा तीसरे हरफनमौला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने किसी एक सत्र में 500 से अधिक रन बनाए हैं और 50 से अधिक विकेट लिए हैं।

जडेजा से पहले कपिल देव ने 1979-80 और मिशेल जॉनसन ने 2008-09 सत्र में यह कारनामा किया था।

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