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अयोध्या विवाद : भाजपा ने शीर्ष न्यायालय की सलाह का स्वागत किया

नई दिल्ली | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का शांतिपूर्ण समााधान निकालने के सर्वोच्च न्यायालय की सलाह का स्वागत किया। केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री तथा वरिष्ठ भाजपा नेता पी.पी. चौधरी ने कहा, “शीर्ष न्यायालय द्वारा उठाया गया यह एक अच्छा कदम है। भाजपा भी बातचीत के जरिए मामला सुलझाना चाहती है। साथ बैठकर और बातचीत के जरिये मामला सुलझाना एक अच्छा कदम है।”
सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को न्यायिक तरीके से सुलझाने की बजाय इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान निकालना बेहतर है। हालांकि एक अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर केवल राम मंदिर ही बनना चाहिए। स्वामी ने कहा, “मस्जिद कहीं भी बनाई जा सकती है, नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है..। राम जन्मभूमि राम मंदिर के लिए है और उस पर केवल राम मंदिर ही बनना चाहिए।”
स्वामी ने 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देती याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक पीठ गठित करने की याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर की थी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के आदेश में कहा गया था कि विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के बीच अयोध्या भूमि का बंटवारा कर दिया जाना चाहिए। हालांकि वक्फ बोर्ड ने मामले का समाधान अदालत से बाहर किए जाने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि यह काफी समय से अदालत में लंबित है।
बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा, “मसले का शांतिपूर्ण समाधान नहीं हो सकता। यह मामला अदालत में ही सुलझ सकता है। आखिरकार, मामला लंबे समय से अदालत में लंबित है।”

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