पंजाब में ईवीएम से छेड़छाड़ के कारण जीती कांग्रेस : केजरीवाल
नई दिल्ली | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि पंजाब विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसके कारण आम आदमी पार्टी (आप) के 20-25 प्रतिशत वोट शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के खाते में चले गए। केजरीवाल ने यहां संवाददातओं से कहा, “कई बूथों पर उनकी पार्टी को केवल ‘दो, तीन या चार’ वोट ही मिले, जबकि वहां दर्जनों की संख्या में उनके अपने कार्यकर्ता और परिजन भी थे।”
उन्होंने कहा कि व्यापक शंका है कि “ईवीएम के साथ छेड़छाड़ कर हमारे 20-25 प्रतिशत वोट शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के खाते में कर लिए गए।” कांग्रेस ने 38.4 प्रतिशत वोटों के साथ पंजाब में जीत हासिल की है, वहीं अकाली दल-भाजपा गठबंधन को 30.5 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि आप को केवल 23.5 प्रतिशत वोट ही हासिल हुए हैं।
उन्होंने कहा, “सत्तारूढ़ अकाली दल-भाजपा गठबंधन के खिलाफ जनता में नाराजगी थी और लोग कह रहे थे कि आप चुनाव में सबका सफाया कर देगी। लेकिन आखिर में आप को महज 25 प्रतिशत वोट मिले और शिरोमणि अकाली दल को करीब 31 प्रतिशत। यह कैसे संभव है?” उन्होंने कहा, “जिन इलाकों में पार्टी को केवल दो-चार वोट मिले हैं वहां आप कार्यकर्ता और उनके परिजन सभी शपथपत्र पर शपथ लिखने को तैयार हैं कि उन्होंने हमें ही वोट दिया है।”
केजरीवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया में लोगों का विश्वास बहाल करने की अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकता। उन्होंने कहा, “कई देशों में ईवीएम मशीनों का प्रयोग बंद हो चुका है। यहां तक कि आडवाणी जी समेत भाजपा भी इससे पूर्व कह चुकी है कि इनसे छेड़छाड़ की जा सकती है। यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय भी कह चुका है कि ईवीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ संभव है।”
केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के 117 निर्वाचन क्षेत्रों में से 32 स्थानों पर (वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) वीवीपीएटी स्थापित किए गए थे।
आप नेता ने कहा, “हम (निर्वाचन आयोग से) वीवीपीएटी के विवरण की ईवीएम के विवरणों से मिलान करने की मांग करते हैं। ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करके हमारे 20-25 प्रतिशत वोट शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के खाते में कर लिए गए।” केजरीवाल ने कहा कि पंजाब की चुनाव प्रक्रिया को ठुकराया नहीं जा सकता, लेकिन साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वह चाहते हैं कि जो पंजाब में हुआ, वह कहीं और न हो।