राजा भैया समेत पांच पर हत्या व साजिश का मुकदमा दर्ज
रायबरेली। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा से रिकार्ड वोट से जीत दर्ज करने वाले पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के साथ पांच लोगों पर हत्या तथा साजिश का मुकदमा दर्ज किया गया है। कुंडा में डिप्टी एसपी रहे जियाउल हक की हत्या के मुख्य आरोपी की सड़क हादसे में मौत के बाद उसके परिवार के लोगों ने कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया व एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी पर हत्या का आरोप लगाया। प्रतापगढ़ जिले के कुंडा में 2013 में बलीपुर गांव में सीओ जियाउल हक हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सीओ हत्याकांड के मुख्य आरोपी की सड़क हादसे में मौत के बाद उसके परिवार वालों ने कल कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, एमएलसी अक्षय प्रताप समेत पांच लोगों पर साजिश करके हत्या करने का आरोप लगाया है। लिस ने मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है। तहरीर में आरोप लगाया गया है कि राजा भैया ने साजिश करके योगेन्द्र यादव को ट्रक से कुचलवाकर उसकी हत्या कराई है। बहरहाल, पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके विवेचना शुरू कर दी है। ऊंचाहार के अरखा गांव के पास परसों रात बाइक सवार युवक योगेंद्र यादव उर्फ बबलू निवासी गांव बलीपुर, हथगवा, प्रतापगढ़ को ट्रक ने कुचल दिया था। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो योगेंद्र उन्हें मृत हालत में मिला था।परसों देर रात कोतवाली पहुंचे योगेंद्र के परिवारीजन व गांव के लोग रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा लिखाने पर अड़ गए। पुलिस के कार्रवाई करने के आश्वासन पर आक्रोशित भीड़ शांत हुई। कल मृतक के चाचा सुधीर कुमार यादव ने ऊंचाहार कोतवाली में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह, रघुराज प्रताप सिंह के मैनेजर नन्हें सिंह, ड्राइवर संजय प्रताप सिंह, दुर्घटना करने वाले ट्रक चालक के खिलाफ साजिश कर हत्या की वारदात को अंजाम देने का मुकदमा दर्ज कराया। कोतवाल परशुराम त्रिपाठी ने बताया कि तहरीर के आधार पर हत्या, साजिश करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। ट्रक चालक की गिरफ्तारी के बाद वारदात की असलियत सामने आ जाएगी। कोतवाली में दी गई तहरीर में सुधीर यादव ने बताया कि उनके भतीजे मृतक योगेंद्र यादव पर पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं। बलीपुर कांड में जब योगेन्द्र गिरफ्तार होकर किशोर प्रेक्षागृह लखनऊ भेजा गया था, तब भी उसके ऊपर हमला हुआ था। जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर उसका लखनऊ मेडिकल कालेज मे इलाज हुआ था। यही नहीं, जब वह जेल से रिहा हुआ तब से लगातार उसका पीछा किया जा रहा था। योगेंद्र के घर की सुरक्षा में लगी पीएसी भी तीन सप्ताह पहले हटा ली गई। रायबरेली के पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद ने कहा कि योगेंद्र के घरवालों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, अब उसके आधार पर कार्रवाई होगी।