शीतकालीन विशेष ओलंपिक में भारत के लिए ख्याति अर्जित करेंगी दिव्यांग लड़कियां
नई दिल्ली | एसओएस चिलड्रन विलेज इंडिया की चार दिव्यांग लड़कियां आस्ट्रिया में होने वाले शीतकालीन विशेष ओलम्पिक खेलों भारत का नाम रोशन करने का प्रयास करेंगी। वर्ष 2015 में एसओएस चिल्ड्रन विलेज के तीन दिव्यांग एथलीट ने लॉस एंजेलिस में आयोजित विश्व ग्रीष्मकालीन विशेष ओलम्पिक खेलों में एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया था। इस साल एसओएस चिलड्रन विलेज इंडिया किरण विदुशी, दीक्षा और दुलफीशा को विशेष ओलम्पिक में भाग लेने के लिए भेज रही है। इन 17 से 19 वर्षीय लड़कियों के लिए मुश्किल हालात और खेल जीतना बहुत आसान हो गया है। ये चार अनाथ लड़कियां जो अलग-अलग प्रकार की दिव्यांगता से ग्रसित है अपने सपने को पूरा करने और देश को गौरवान्वित करने के लिए तैयार है।
एसओएस चिल्ड्रन विलेज इंडिया अपने प्रशिक्षण, शिक्षा, खेल अन्य अतिरिक्त गतिविधियों में सबसे आगे रहा है, जिसके द्वारा दिव्यांग बच्चों को आगे बढ़ा कर देश के गौरवशाली युवा बनाने की ओर अग्रसर कर रहा है। एसओएस चिल्ड्रन विलेज अनाथ बच्चों को एक पारिवारिक वातावरण प्रदान करता है, जिससे उन्हे देश के सामान्य नागरिकों में शामिल होने और देश के विकास में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
देश भर की लड़कियों के लिए रोल मॉडल ये एसओएस चिल्ड्रन विलेज, इंडिया की चार लड़कियां विशेष रूप से तीन गावों खुजरीकलान, जयपुर और लातूर से है। उन्होंने सामाजिक परिस्थितियों दिव्यांगता को अपने सपने को पूरा करने के रास्ते में कभी आड़े नहीं आने दिया है उनकी यह यात्रा एसओएस चिल्ड्रन विलेज, इंडिया में शुरू हुई जब वे बच्चे थे। इन लड़कियों में से प्रत्येक के पास दुनिया को बताने के लिए अद्वितीय कहानी है। इन दिव्यांग बच्चों की पहली और महत्वपूर्ण आवश्यकता सामान्य परिवेश में बढ़ने की है जहां वे दूसरे लोगों के साथ सीख कर आगे बढ़ सकते है। उसी समय उनकी विशेष आवश्यकताओं को संबोधित करने की आवश्यकता है। इस प्रकार के वातावरण से उनकी आजादी और स्वतंत्रता को प्रोत्साहन मिलता है और एक सुरक्षित वातावरण का निर्माण होता है। इस प्रकार का एक सुरक्षित वातावरण संगठन द्वारा उन्हें दिया जाता है, जिससे उनका विकास हो सके।
फरवरी, 2016 में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में राष्ट्रीय फ्लोर बॉल चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में 20 राज्यों से दिव्यांग (महिला एवं पुरुष) के साथ लगभग 500 एथलीट्स ने भाग लिया। मध्यप्रदेश की फ्लोर बॉल टीम की लड़कियों में लक्ष्मी, किरण, महालक्ष्मी, श्रुति, पावली, मानसी, विदुशी और मनीमेघलाई शामिल है।
सभी आठ खिलाड़ी एसओएस चिल्ड्रन विलेजए के गांव खुजरीकलां से है। टीम ने फाइनल में पहुच कर स्वर्ण पदक जीता। विदुशी और किरण को इस टीम में से विश्व शीतकालीन विशेष ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया। ये वो बच्चे है जो कई बाधाओ को दूर कर खेल की प्रतिभाओ के रूप में उभरने के लिए सक्षम है। वे दोनों अन्य दो विशेष लड़कियो दीक्षा जो लातूर से है और दुलफीशा जो जयपुर से है के साथ जुड़कर देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। एसओएस चिल्ड्रन विलेज, इंडिया ने इससे पहले भी भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विशेष बच्चों को भेजा है। खुजरीकलां गांव के तीन बच्चे डॉली, श्रुति और विजय 25 जुलाई, 2015 को लॉस एंजिल्स में हुए ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर लाए थे। इस वर्ष विश्व शीतकालीन ओलम्पिक खेल ऑस्ट्रिया में 17 से 25 मार्च को आयोजित किया जाएगा।