धीरुभाई अंबानी के पद्म विभूषण के खिलाफ याचिका खारिज
नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के संस्थापक दिवंगत धीरुभाई अंबानी को 2016 में पद्म विभूषण दिए जाने की सरकार की अधिसूचना को अमान्य करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर की अगुवाई वाली एक पीठ ने प्रसिद्ध उद्योगपति से प्रतिष्ठित सम्मान की वापसी के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया।
पीठ ने कहा, “अपने समय में धीरुभाई अंबानी देश के सबसे बड़े उद्योगपति के रूप में माने जाते थे। आप तय नहीं करेंगे कि पद्म विभूषण किसे दिया जाए। यदि वे यह सम्मान आपको देते हैं, तो भी हम सवाल नहीं कर सकते।”
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मई 2016 में इस याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि याचिका में कोई जनहित शामिल नहीं है और यह सिर्फ एक व्यक्ति को हानि पहुंचाने के लिए दाखिल की गई है। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील में वकील पी.सी. श्रीवास्तव ने धीरुभाई की पत्नी कोकिलाबेन अंबानी को पद्म विभूषण पदक और ‘सनद’ लौटाने का निर्देश देने की मांग की थी, जिसे उनके दिवंगत पति की जगह पर प्रदान किया गया था।
धीरुभाई अंबानी को मरणोपरांत व्यापार और उद्योग में ‘असाधारण और प्रतिष्ठित’ सेवा के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि धीरुभाई ने ‘किसी तरह की असाधारण और प्रतिष्ठित सेवा’ प्रदान नहीं की, जिसके लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया।