गंगा किनारे बसे गांव के आए चमकने के दिन
देहरादून। उत्तराखंड के गंगा किनारे बसे गांवों की दशा को सुधारने की कवायद शुरु हो गई है। गंगा व इसकी सहायक नदियों को साफ रखने के लक्ष्य से केन्द्र सरकार गंगा किनारे बसे गांवों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट प्लांट शुरू करने जा रही है। जिसकी लागत भी तय हो गयी है।
पहले पड़ाव में सरकार की ओर से 20 गांव चयनित किए गए हैं। इन गांवों में परिवार के हिसाब से प्रोजेक्ट लगाने के लिए धन राशि जारी कर दी गयी। प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने के लिए 500 करोड़ की ग्रांट जारी की जाएगी। प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार हो चुकी है। जिस पर डमी तौर पर भी कार्य हो चुका है जिसके सकारात्म परिणाम आये है।
इनमें द्वारीखाल ब्लाक से गांव किंसोर खिर्सू ब्लॉक में डुंगरीपंथ,जनासू, जसपुर, खरखोला, खेरा, नौगांव, कलियासौड़, मंडोली, रावाड़ी, श्रीकोट गंगानाली, कोट ब्लॉक में धौलकंडी, रामपुर, सिलसु, पौड़ी में उफल्ड़ा और यमकेश्वर ब्लॉक में जेड़, कोट, माला, नकुरची और नंद मल्ला को चयनित किया गया हैं।
सर्वे के आधार पर इन सभी गांवों में करीब 4013 परिवार हैं। स्वजल के प्रबंधक ने बताया कि सॉलिड और लिक्विड वेस्ट प्रबंधन को लेकर चयनित गांवों के लोगों को इसके बारे में अवगत किया जा चुका है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद इस प्रोजेक्ट पर कार्य होना शुरू होना तय है। प्रोजेक्ट से रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे, वहीं रिसाइकिलिंग प्लांट लगाकर मुनाफा मिलेगा। जिससे सीधा लोगो लाभ प्राप्त होगा।