इस अद्भुत स्थान पर महादेव ने किया था विषपान
देहरादून। समुद्र मंथन हलाहल के समय जब विष निकला तो देवता और असुर भागने लगे। तब शिवजी ने संसार को बचाने के लिए पूरा विष पी लिया। लेकिन वहीं क्या आप जानते हैं जहां शिवजी ने विष पिया वो जगह आज बदल कर कैसी दिखने लगी है। जिस जगह भगवान शिव ने विषपान किया, वहां आज एक भव्य मंदिर स्थापित किया गया है। जंगलों के बीच स्थित ऋषिकेश में इस जगह पर वरदान मांगने देश विदेश से भोले के भक्त पहुंचते हैं। देवों की नगरी के साथ तीर्थ नगरी ऋषिकेश में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर के बारे में मान्यता है कि शिवजी ने यहां समुद्र मंथन के दौरान निकले विष जिसे हलाहल भी कहते को ग्रहण किया था। तभी से महादेव को नीलकंठ भी कहे जाने लगा।
यहां विष पीने के बाद शिवजी का गला नीला पड़ गया था, जिसके कारण उन्हें नीलकंठ के नाम से जाना जाता है। नीलकंठ महादेव मंदिर की नक्काशी देखते ही बनती है। मंदिर शिखर के तल पर समुद्र मंथन के दृश्य को चित्रित किया गया है। मंदिर के गर्भ गृह के प्रवेश-द्वार पर एक विशाल पेंटिंग में भगवान शिव को विष पीते हुए भी दिखलाया गया है। जो शिव के भक्तों को शिव में लीन कर देता है।