रिटायर शिक्षकों को अच्छी खबर, शिक्षा विभाग की विशेष याचिका खारिज
देहरादून। छठे वेतनमान के अनुसार उच्चीकृत पेंशन का लाभ नहीं पा रहे रिटायर शिक्षकों को सरकार से अच्छी खबर है। एक जनवरी 2006 से 31 मार्च 2009 के अंदर रिटायर हुए शिक्षकों को उच्चीकृत वेतनमान के अनुसार पेंशन का रास्ता खुल गया है। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी रिटायर शिक्षकों के पाले में दी। शिक्षकों की लड़ाई सहीं मानते हुए शिक्षा विभाग को कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। शिक्षा विभाग की विशेष याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई है।
अगर पूरे मामले को खंगाले तो पता चलता है कि, वित्त विभाग के एक मार्च 2009 के जीओ के अनुसार एक जनवरी 2006 से छठे वेतन आयोग की सिफारिश को नोशनल आधार पर लागू किया गया था। इसे वास्तविक रूप से लागू करने की तारीख एक अप्रैल 2009 तय की गई थी। पर, कई शिक्षक बीच में रिटायर हो गए। जिसके बाद शिक्षकों के लिए रास्ता संकीर हो गया था।
विभाग ने इन शिक्षकों की पेंशन वास्तविक वेतनमान के आधार पर तय नहीं की। केशवानंद जोशी और सतीश चंद्र बनाम राज्य सरकार मामले में हाईकोर्ट 24 मार्च 2014 को शिक्षकों को उच्चीकृत वेतनमान पर पेंशन देने के आदेश दे चुका है। इस फैसले के खिलाफ शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की थी। जिसके बाद शिक्षकों को कानूनी तौर पर रास्ता साफ होने लगा। इस फसले में तीनों कोर्टों से मिले न्याय के बाद शिक्षकों ने राहत सांस ली। जिससे उनके पेंशन का रास्ता भी सांफ हो गया।