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तमिलनाडु विधानसभा में हंगामा, फटे कपड़े में बाहर निकले स्टालिन

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चेन्नई | तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री ई.के.पलनीस्वामी द्वारा विश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद विपक्षी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सदस्यों ने सदन के अध्यक्ष पी.धनपाल से गुप्त मतदान की मांग की, जिससे मना करने के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले अध्यक्ष ने हंगामा करने वाले डीएमके के सदस्यों को बाहर निकलवा दिया। इससे पहले, गुप्त मतदान की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा किए गए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही अपराह्न एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी, जिसके बाद दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी माहौल में कोई परिवर्तन नहीं आया और कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन में कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद पलनीस्वामी ने बहुमत साबित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद विपक्ष के नेता एम.के.स्टालिन की उनके साथ तीखी नोकझोंक हुई। स्टालिन ने विधानसभा अध्यक्ष पी.धनपाल से गुप्त मतदान कराने का आग्रह किया।
अध्यक्ष ने कहा कि उनके काम में विधायक दखलंदाजी नहीं कर सकते। स्टालिन ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि जब राज्यपाल सी.विद्यासागर राव ने बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया है, फिर इतनी जल्दबाजी क्या है? इस बीच मुख्यमंत्री पलनीस्वामी का समर्थन करने वाले विधायक चुप रहे, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के विधायकों ने धनपाल को चारों तरफ से घेर लिया और नारेबाजी करने लगे। उन्होंने सदन के एजेंडा पेपर को भी फाड़ दिया और कुर्सियों तथा माइक को इधर-उधर फेंक दिया।
जब मार्शलों ने धनपाल को बचाकर बाहर ले जाने की कोशिश की तो डीएमके सदस्यों ने उन्हें दोबारा कुर्सी पर बैठा दिया। इस दौरान डीएमके का एक सदस्य अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ गया। हंगामा जारी रहने पर धनपाल अपने चैंबर में चले गए और विधानसभा की कार्यवाही अपराह्न एक बजे तक के लिए फिर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने भी गुप्त मतदान की मांग की है। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के पलनीस्वामी गुट को सुबह में तब दूसरा धक्का लगा, जब कोयंबटूर उत्तर से विधायक अरुण कुमार ने पाला बदल लिया।
कोयंबटूर से फोन पर अरुण कुमार ने आईएएनएस से कहा, “मैं बीच रिसॉर्ट से बाहर निकल गया।”
उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता तथा लोग वर्तमान नेतृत्व से खुश नहीं हैं। वहीं, शुक्रवार को एआईएडीमके से मयलापुर के विधायक तथा पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर.नटराज ने कहा कि वह पलनीस्वामी के खिलाफ मतदान करेंगे।
महासचिव शशिकला के नेतृत्व वाली एआईएडीएमके ने विधानसभा अध्यक्ष सहित 123 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, जबकि पार्टी के पन्नीरसेल्वम गुट के साथ 11 विधायक हैं। विपक्षी डीएमके के पास 89, कांग्रेस के पास आठ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के पास एक सदस्य हैं, जबकि एक सीट खाली है। डीएमके, कांग्रेस तथा आईयूएमएल ने कहा है कि वे पलनीस्वामी सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे। पलनीस्वामी के विपक्ष में 108 वोट आ रहे हैं। डीएमके अध्यक्ष एम.करुणानिधि अस्वस्थ हैं। अगर शशिकला गुट के 8-10 विधायक क्रॉस वोटिंग करते हैं, तो पलनीस्वामी के लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी। विधानसभा में कुल 234 सीटें हैं, जिनमें से एक खाली है।

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