बीएसएफ जवान तेज बहादुर की गुमशुदगी पर सुनवाई आज
नई दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय पिछले माह ‘खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की शिकायत’ करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव की गुमशुदगी को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दोपहर बाद सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति बी. डी. अहमद और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की पीठ इस याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को अपराह्न् 2.15 बजे करेगी। याचिका तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला ने याचिका दायर की है। शर्मिला और बीएसएफ जवान के परिवार ने लगातार तीन दिनों तक जवान से मिलने में विफल रहने पर यह याचिका दायर की।
कांग्रेस के नेता व अधिवक्ता मनीष तिवारी ने अदालत को बताया कि बीएसएफ जवान के परिवार का कहना है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है कि तेज बहादुर कहां हैं? उन्होंने कहा, “हमने उच्च न्यायालय में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। तेज बहादुर के साथ उनकी पत्नी ने पिछली बार सात फरवरी को बात की थी।”
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका एक कानूनी प्रावधान है, जो गिरफ्तार किए गए या हिरासत में लिए गए व्यक्ति की सुरक्षा को लेकर आशंकाओं पर दायर की जाती है। इसके तहत बंदी यानी कैदी को अदालत के समक्ष पेश करना होता है। तेज बहादुर ने जनवरी में जवानों को मेस में मिलने वाली भोजन सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए यह शिकायत भी की थी कि वरिष्ठ अधिकारी जवानों के लिए आने वाली खाद्य सामग्री को बेच डालते हैं। उन्होंने इस संबंध में एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। हालांकि इसमें किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया गया था। यह वीडियो खूब वायरल हुआ था।