पटना | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने को कहा कि रेल बजट को आम बजट में समाहित कर रेलवे का बंटाधार कर दिया गया। पटना में ‘लोक संवाद कार्यक्रम’ में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, “रेल बजट को आम बजट में समाहित कर रेलवे की स्वायत्तता एवं कार्यकुशलता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है। रेल का जो आकर्षण था, वह समाप्त हो गया। रेल के बारे में न सोच है, न नजरिया है, जबकि रेल ही आवागमन का मूल स्रोत है।”
उन्होंने कहा कि रेलवे में सफाई की व्यवस्था न के बराबर है। न रेल समय पर चलती है और न ही स्वच्छता का ध्यान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब रेलवे का बंटाधार कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान में आयोजित पटना पुस्तक मेला में कमल के फूल में रंग भरने को लेकर पूछे गए प्रश्न पर कहा, “आयोजक उनको वहां ले गए थे, लिहाजा यह प्रश्न आयोजकों से ही पूछना चाहिए।”
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव चिह्न् ‘कमल’ पर रंग भरने के बाद बिहार की राजनीति गर्म हो गई थी तथा नीतीश की भाजपा के साथ नजदीकी के कयास लगने लगे हैं। उत्तर प्रदेश चुनाव के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने सीधे कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने हालांकि इतना जरूर कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘गठबंधन’ है, बिहार जैसा ‘महागठबंधन’ नहीं है।
मुख्यमंत्री ने अपनी ‘निश्चय यात्रा’ को पूरी तरह कामयाब बताते हुए कहा कि इस यात्रा का अनुभव बहुत अच्छा रहा। उन्होंने कहा, “नौ नवंबर को पश्चिम चंपारण से मैंने ‘निश्चय यात्रा’ की शुरुआत की थी। यात्रा के क्रम में सात निश्चय से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन क्षेत्र में जाकर देखने का मौका मिला। सात निश्चय में से चार निश्चय हर घर नल का जल, हर घर बिजली, हर घर शौचालय, गांव तक पक्की गली नाली की योजना सबके लिए लागू है। गांव हो या शहर, सभी जगह योजना का क्रियान्वयन होगा।” उन्होंने कहा कि बिहार में अब खुले में शौच से मुक्ति का वातावरण बन रहा है। जन-जागरण चलाकर शौचालय का निर्माण हो रहा है, जो अद्भुत है।