आधार से मनरेगा में पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे : ग्रामीण विकास मंत्री
नई दिल्ली | नरेंद्र मोदी सरकार मनरेगा में काम का आवंटन और मजदूरी का भुगतान आधार के माध्यम से करेगी, ताकि पारदर्शिता आए। ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में यह बात कही। उन्होंने यह बात विपक्षी सदस्यों द्वारा लगाए गए इस आरोप पर कही कि सरकार महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजन (मनरेगा) के तहत जिनके पास आधार नहीं है, उसे काम देने से इनकार कर रही है। जबकि काम के आवंटन के लिए आधार अनिवार्य नहीं है। तोमर ने कहा कि 31 मार्च तक आधार अनिवार्य नहीं है।
तोमर ने कहा, “हम मनरेगा में पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहे हैं। लोग बिना आधार के इस साल 31 मार्च तक काम पा सकते हैं। हालांकि अभी इसकी अंतिम समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। यह समय सीमा आगे बढ़ाई जा सकती है, अगर राज्य सरकार यह कहती है कि वे इसे लागू करने को तैयार नहीं है।” मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और मनरेगा इसका एक प्रमुख साधन है।
उन्होंने कहा, “मनरेगा के तहत संपत्तियों का भी सृजन किया जा रहा है और अब तक ऐसी 51 लाख संपत्तियों को भूचिन्हित किया गया है।”
इससे पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी. राजा द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के जबाव में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राम कृपाल यादव ने कहा, “अब तक ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, जिसमें आधार कार्ड के अभाव से किसी को काम से वंचित किया गया हो।”
उन्होंने कहा, “हम आधार के माध्यम से प्रणाली की गंदगी साफ कर रहे हैं। मनरेगा के तहत आधार को जोड़ने के बाद कुल 13.04 करोड़ जॉब कार्ड बने हैं, जिसमें से 56 लाख जॉब कार्ड जाली पाए गए हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जो पैसा गरीबों के लिए है, वह अयोग्यों की जेब में न चला जाए।”