लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
नई दिल्ली | संसद के निचले सदन लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगनादेश के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी दल कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बाधित हुई। तृणमूल अपने दो सांसदों की गिरफ्तारी का विरोध कर रही थी। उसने केंद्र सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाया। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष से अपना मुद्दा उठाने की अनुमति मांगी, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने यह कहते हुए अनुमति नहीं दी कि प्रश्नकाल के बाद ही मुद्दों को उठाया जा सकता है।
इस बीच तृणमूल के सांसद अध्यक्ष की आसंदी के पास इकट्ठा हो गए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। महाजन ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने और बाद में अपने मुद्दे उठाने की अपील की, लेकिन विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते रहे, जिसे देखते हुए अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही सुमित्रा महाजन ने तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के जे.पी.यादव सहित विभिन्न सदस्यों के स्थगन नोटिस को मंजूरी नहीं दी। विपक्ष के विरोध के बावजूद सदन की अध्यक्ष ने सूचीबद्ध काम जारी रखे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के हंगामे के बीच विर्निष्ट बैंक नोट्स (देनदारियों की समाप्ति) विधेयक पेश किया। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने श्रम भुगतान (संशोधन) विधेयक पेश किया।
इन सबके बीच विपक्षी सदस्य लोकसभा अध्यक्ष की आसंदी के पास पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी।
हंगामे के बीच महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगति कर दी।
इससे पहले तृणमूल सांसदों ने सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय की गिरफ्तारी के खिलाफ संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। बंद्योपाध्याय और तापस पॉल को सीबीआई ने हाल ही में रोज वैली चिट फंड घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। पार्टी का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र की सरकार बदले की राजनीति कर रही है। केंद्र सरकार तृणमूल नेताओं को इसलिए प्रताड़ित कर रही है, क्योंकि ममता बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी ने मोदी के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई।