सर्वोच्च न्यायालय ने फॉक्स स्टार स्टूडियोज को वापस उच्च न्यायालय भेजा
नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के समक्ष फिल्म ‘जॉली एलएलबी-2’ की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता फॉक्स स्टार स्टूडियोज को वापस उच्च न्यायालय जाने और अपनी सभी दलीलें उसी के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया। पीठ ने उच्च न्यायालय से कहा कि वह सोमवार यानी छह फरवरी को मामले की सुनवाई करे और उसने फिल्म के निर्माता फॉक्स स्टार स्टूडियोज को मंगलवार यानी सात फरवरी को उसके समक्ष पेश होने को कहा।
फिल्म 10 फरवरी को रिलीज होने वाली है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने फिल्म को मंजूरी दे दी है और कानूनन दो वकीलों और एक चिकित्सक की समिति के समक्ष फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं की जा सकती। इस पर पीठ ने कहा, “हम इसे लंबित रख रहे हैं।”
न्यायमूर्ति गोगोई ने सिब्बल से कहा, “यह सब कुछ उच्च न्यायालय को बताएं। हम कुछ नहीं कहेंगे। हम इसे लंबित रख रहे हैं। उच्च न्यायालय जाएं।” सिब्बल ने पीठ से यह फिल्म देखने का आग्रह किया। इस पर गोगोई ने कहा, “हम फिल्म नहीं देखेंगे। आपको बताएंगे कि हम फिल्म क्यों नहीं देखेंगे। हमारे पास तीन घंटे का समय नहीं है। ऐसा मत समझिए कि तीन घंटे बहुत लंबा समय है।”
महाराष्ट्र के नांदेड़ से ताल्लुक रखने वाले वकील अजय कुमार वाघमारे ने बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में एक याचिका दायर कर कहा कि इस फिल्म में देश के कानूनी पेशे और न्यायिक प्रणाली की गलत छवि पेश की गई है। इसके बाद पीठ ने फिल्म को देखने के लिए एक समिति गठित की। वाघमारे ने उच्च न्यायालय से कहा, “यह भारतीय कानूनी पेशे और न्यायिक प्रणाली को समाज में हंसी के पात्र के रूप में पेश करने की कोशिश है।”
इसके बाद उच्च न्यायालय ने एक समिति द्वारा एक फरवरी को फिल्म की समीक्षा करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन फरवरी की तिथि तय कर दी। निर्माता कंपनी ने उच्च न्यायालय के इसी आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।