सीएम योगी ने रखी केजीएमयू के नये प्रशासनिक भवन की आधारशिला, नये कलेवर में नजर आएगा प्रशासनिक भवन

लखनऊ: केजीएमयू का प्रशासनिक भवन जल्द ही नए कलेवर में नजर आएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को केजीएमयू के नये प्रशासनिक भवन, अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक लैब और पेशेंट एकमोडेशन फैसिलिटी ब्लॉक के साथ न्यू गेस्ट हाउस की आधारशिला रखी। यह तीनों निर्माण 99.10 करोड़ की लागत पूरे होंगे। इसी के साथ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में मरीजों के इलाज और जांच की दिशा में नये युग की शुरुआत होगी।
हाईटेक डायग्नोस्टिक लैब से मरीजों को मिलेगी 24 घंटे जांच की सुविधा
केजीएमयू के प्रवक्ता केके सिंह ने बताया कि अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक लैब से मरीजों को 24 घंटे उच्च गुणवत्ता की जांच सेवाएं उपलब्ध होंगी। वहीं पेशेंट रिलेटिव एकमोडेशन फैसिलिटी ब्लॉक के निर्माण से तीमारदारों को समुचित ठहरने की सुविधा मिलेगी। इस पांच मंजिला भवन में रेडियोलॉजिकल, एक्सरे, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजिकल और माइक्रोबायोलॉजिकल लैब्स की सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे मरीजों को जांच के लिए लंबी डेट से छुटकारा मिलेगा। डॉक्टर द्वारा जांच लिखे जाने के तुरंत बाद सभी आवश्यक जांचें एक ही छत के नीचे पूरी की जा सकेंगी। इतना ही नहीं, जांच रिपोर्ट मरीजों को मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से भी प्राप्त हो सकेगी, जिससे इलाज में देरी नहीं होगी और सटीक रिपोर्ट मिलने से मरीज शीघ्र स्वस्थ होकर घर जा सकेंगे। इसके साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट, सेंट्रल कमांड एरिया और मरीजों के तीमारदारों के ठहराव के लिए लगभग 450 बिस्तरों की क्षमता वाला एकमोडेशन ब्लॉक भी विकसित किया जाएगा। पांच मंजिला ब्लॉक 48 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगा।
48 करोड़ से बनेगा दो मंजिला नया प्रशासनिक भवन, प्रशासनिक कार्यों में आएगी तेजी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजीएमयू काे नये प्रशासनिक भवन की भी सौगात दी। नया प्रशासनिक भवन दो मंजिला का होगा, जो 48 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगा। यहां पर स्टाफ के लिए 100 वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग भी विकसित की जाएगा। नये प्रशासनिक भवन से प्रशासनिक कार्यों में भी तेजी आएगी और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी। इसके साथ ही 3.10 करोड़ की लागत से न्यू गेस्ट हाउस का होगा विस्तार होगा। यहां पर लिफ्ट के साथ सभी 14 कमरे फर्नीचर से सुसज्जित होंगे। इससे बाहर से आने वाले गेस्ट प्रोफेसर और डॉक्टर्स को ठहरने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।