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एसवाईएल नहर विवाद पर पंजाब ने दिखाया समाधान का इरादा, हरियाणा ने जताई सहमति

सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सामने आई है। पहली बार पंजाब ने इस लंबे समय से चले आ रहे जल विवाद पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए समाधान की ओर कदम बढ़ाया है। दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में हुई बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आमने-सामने हुए।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच वास्तविक विवाद केवल 3 से 4 मिलियन एकड़ फीट पानी का है। यदि चिनाब और रावी नदियों से 23 मिलियन एकड़ फीट पानी उपलब्ध हो जाए, तो यह विवाद हमेशा के लिए खत्म हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि दो से चार नहरें पंजाब में और कुछ हरियाणा में बनाई जा सकती हैं, जिससे दोनों राज्यों को लाभ होगा।

मान ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह पश्चिमी नदियों का पानी दोनों राज्यों की ओर मोड़ने की व्यवस्था करे। उन्होंने भावनात्मक रूप से कहा, “जो देश हमारा खून बहा रहा है, उसके लिए क्यों सिंधु और पश्चिमी नदियों का पानी जाए? हमें हरियाणा से नहीं, पाकिस्तान से लड़ना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा, “हम भाई घनैया के वारिस हैं, जिन्होंने युद्ध में भी दुश्मनों को पानी पिलाया। हरियाणा हमारा दुश्मन नहीं, भाई है।”

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी बैठक को सार्थक बताया और कहा कि अब समय आ गया है कि इस पुराने विवाद का समाधान निकाला जाए। उन्होंने कहा, “हरियाणा भी जल संकट से जूझ रहा है और इससे राज्य को भारी नुकसान हो रहा है। पंजाब और हरियाणा दोनों भाई हैं, जो आज भी एक ही आंगन में रहते हैं। इस सकारात्मक पहल के बाद अब सभी की निगाहें 5 अगस्त को होने वाली अगली बैठक पर टिकी हैं, जहां इस ऐतिहासिक विवाद के स्थायी समाधान की उम्मीद की जा रही है।

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