पीएम मोदी ने तिरुवनंतपुरम में विझिंजम बंदरगाह का किया उद्घाटन, बोले- आज का इवेंट कई लोगों की नींद हराम कर देगा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया। यह बंदरगाह भारत के समुद्री इतिहास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है, क्योंकि यह देश का पहला ‘माल ट्रांसशिपमेंट हब’ बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस दौरान उन्होंने विझिनजाम बंदरगाह को नए युग के विकास प्रतीक बताया। PM मोदी इशारों-इशारों में विपक्ष पर तंज कसते भी नजर आए। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद केरल CM पिनाराई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर का जिक्र करते हुए कहा कि आज का ये इवेंट कई लोगों की नींद हराम कर देना। उन्होंने यह भी कहा कि जहां मैसेज जाना था, चला गया है।
पीएम मोदी ने बताया कि कैसे विझिनजाम बंदरगाह गेम चेंजर साबित होगा। उन्होंने कहा, “इस बंदरगाह का निर्माण 8,800 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। आने वाले समय में इसके ट्रांसशिपमेंट हब की क्षमता तीन गुनी हो जाएगी। इस पोर्ट पर दुनिया के बड़े मालवाहक जहाज बड़ी आसानी से आ सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अब तक भारत की 75% ट्रांसशिपमेंट गतिविधियां विदेशी बंदरगाहों पर संचालित की जाती थीं, जिससे देश को राजस्व का बड़ा नुकसान होता था। हालांकि, यह बदलने वाला है। पहले विदेशों में खर्च किए जाने वाले पैसे को अब घरेलू विकास में लगाया जाएगा, जिससे विझिनजाम और केरल के लोगों के लिए नए आर्थिक अवसर पैदा होंगे। देश का पैसा अब देश के काम आएगा।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने राज्य सरकार के सहयोग से सागरमाला परियोजना के तहत पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। पोर्ट कनेक्टिविटी को भी बढ़ाया है। पीएम गतिशक्ति के तहत वॉटरवेज रेलवे, हाईवे और एयरवेज की इंटरकनेक्टिविटी को तेज गति से बेहतर बनाया जा रहा है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए जो रिफॉर्म किए गए हैं उससे पोर्ट और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भी निवेश बढ़ा है।
विझिंजम बंदरगाह की विशेषताएँ:
1. रणनीतिक स्थिति: विझिंजम बंदरगाह हिंद महासागर में प्रमुख शिपिंग मार्ग के करीब स्थित है। यह इसकी सबसे बड़ी खासियत है, क्योंकि जहाजों को मुख्य मार्ग से ज्यादा विचलित नहीं होना पड़ेगा।
2. गहराई और आधुनिकता: यह बंदरगाह प्राकृतिक रूप से गहरा है, जिससे दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक जहाज भी यहाँ आसानी से आ-जा सकते हैं। इसमें आधुनिक कंटेनर टर्मिनल, ऑटोमैटिक क्रेन्स और डिजिटल प्रणाली से युक्त संचालन की व्यवस्था है।
3. रोजगार और आर्थिक विकास: इस परियोजना से क्षेत्रीय स्तर पर हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही यह बंदरगाह देश की व्यापारिक क्षमता को भी कई गुना बढ़ाएगा।
4. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम: अब भारत विदेशी बंदरगाहों पर कम निर्भर रहेगा। इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी और देश की समुद्री व्यापार साख बढ़ेगी।