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भूखंड आवंटन से लेकर राजस्व तक उद्योगों की रीढ़ बना यूपीसीडा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीते 8 वर्षों में भूखंड आवंटन में लगभग 320%, भूमि आवंटन में 360% और रोजगार सृजन में लगभग 350% की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। इसी अवधि में यूपीसीडा का ऑपरेटिंग राजस्व भी तीन गुना से अधिक बढ़ा है। ये आँकड़े न केवल औद्योगिक विकास की कहानी बयां करते हैं, बल्कि $1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर उत्तर प्रदेश के आत्मविश्वास को भी दर्शाते हैं।

भूखंड आवंटन में ऐतिहासिक उछाल

2017-18 में जहाँ केवल 191 भूखंड आवंटित हुए थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 798 हो गई—यानी 318% की वृद्धि। वहीं 2017-18 में 114 एकड़ भूमि उद्योगों को दी गई थी, जो 2024-25 में बढ़कर 526 एकड़ हो चुकी है।

रोज़गार सृजन में 347% की छलांग

यूपीसीडा के प्रयासों से 2017-18 में 11,570 लोगों को रोज़गार मिला था, जो 2024-25 में बढ़कर 51,761 तक पहुँच गया। यह 347% की वृद्धि उत्तर प्रदेश की औद्योगिक प्रगति और युवाओं को मिल रहे अवसरों की कहानी कहती है।

वित्तीय प्रदर्शन में आमूलचूल सुधार

यूपीसीडा के वित्तीय आंकड़ों में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 2019-20 में ऑपरेटिंग राजस्व 586 करोड़ था। 2024-25 में यह बढ़कर 1,900 करोड़ हो गया—जो 3 गुना वृद्धि से भी अधिक है। यह आंकड़े निवेशकों के बढ़ते भरोसे और यूपीसीडा की बेहतर कार्यप्रणाली का प्रमाण हैं।

निवेशकों के लिए सुविधाजनक माहौल का दिख रहा सकारात्मक असर

पिछले आठ वर्षों के दौरान यूपीसीडा ने न केवल औद्योगिक बुनियादी ढांचे को सशक्त किया, बल्कि उत्तर प्रदेश को देश के अग्रणी औद्योगिक राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। यह प्राधिकरण, राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियों के अनुरूप निवेशकों को एक पारदर्शी, सरल और अनुकूल वातावरण प्रदान कर रहा है। यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने बताया कि, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य साकार होता दिख रहा है। हमने निवेशकों के लिए सुविधाजनक माहौल तैयार किया है, जिसका सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है।”

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