मिसाइल परीक्षण के खिलाफ उत्तर कोरिया को दक्षिण कोरिया ने चेताया
सियोल | उत्तर कोरिया द्वारा लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल के संभावित परीक्षण के खिलाफ दक्षिण कोरिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है, तो उसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की कड़ी पाबंदी तथा दबाव झेलना पड़ेगा। दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के प्रवक्ता जियॉन्ग जून-ही ने कहा कि अगर उत्तर कोरिया ने अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया, तो उसे भारी दबाव व पाबंदी का सामना करना पड़ेगा। मंत्रालय की यह टिप्पणी उत्तर कोरिया द्वारा ‘किसी भी वक्त और कहीं भी’ लंबी दूरी तक मार करने वाले अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के परीक्षण की घोषणा के बाद सामने आई है।
उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसके उकसावे पर ही वह अपने मिसाइल विकास कार्यक्रम को बढ़ावा दे रहा है। जियॉन्ग ने उत्तर कोरिया से परमाणु मुक्त राह पर लौटने का आग्रह किया है, ताकि इससे खुद उत्तर कोरिया को लाभ हो। वहीं उत्तर कोरिया ने कहा कि अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम अमेरिका से बढ़ते परमाणु खतरों के प्रतिक्रिया स्वरूप है। दक्षिण कोरिया के मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं।
दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा है कि वह इस पर कड़ी नजर रख रही है कि उत्तर कोरिया लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करता है या नहीं। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मून सांग-क्युन ने कहा कि सियोल की सेना उत्तर कोरिया द्वारा अंतर्महाद्वीपीय केएन-08 तथा इसके संशोधित संस्करण केएम-14 जैसी मिसाइल के संभावित परीक्षण को लेकर उस पर पैनी नजर बनाए हुए है।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने एक जनवरी को नववर्ष के अपने संदेश में कहा था कि उत्तर कोरिया का अंतर्महाद्वीपीय मिसाइल परीक्षण विकास के अंतिम चरण में है।
उत्तर कोरिया के परमाणु व बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण पर 2006 से ही पाबंदी लगी है। बीते साल सितंबर में इसने सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण किया था, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खलबली मच गई थी। कई विशेषज्ञों का कहना है कि अपने मिसाइल व परमाणु हथियार कार्यक्रम को विकसित करने के लिए उत्तर कोरिया साल 2017 की शुरुआत में नए हथियारों का परीक्षण कर सकता है।