झारखंड को हरा फाइनल में पहुंचा गुजरात
नागपुर | जसप्रीत बुमराह (29/6) की धारदार गेंदबाजी के दम पर गुजरात ने रणजी ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल मैच के चौथे दिन झारखंड को 123 रनों से मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया। गुजरात रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दूसरी बार फाइनल में पहुंचने में सफल हुआ है। इससे पहले गुजरात ने 1950-51 में पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा था, जहां उसे होल्कर के हाथों हार मिली थी।
झारखंड को चौथी पारी में जीत के लिए 235 रन बनाने थे लेकिन बुमराह की कहर बरपाती गेंदों के आगे पूरी टीम 41 ओवरों में 111 रनों पर ही ढेर हो गई। बुमराह के अलावा आर. पी. सिंह ने तीन और हार्दिक पटेल ने एक विकेट लिया। झारखंड की तरफ से सर्वाधिक 24 रन कौशल सिंह ने बनाए। टीम के छह बल्लेबाज दहाई के आंकड़े को भी नहीं छू सके।
अपने तीसरे दिन के स्कोर चार विकेट पर 100 रनों से आगे खेलने उतरी गुजरात को हार्दिक पटेल (6) के रूप में दिन का पहला झटका लगा। वह 135 के कुल स्कोर पर आउट हुए। दो रन बाद ही रुजुल भट्ट (2) भी पवेलियन लौट गए। मनप्रीत जुनेजा (81) ने इसके बाद चिराग गांधी (51) के साथ सातवें विकेट के लिए 80 रनों की साझेदारी कर टीम को 200 के पार पहुंचाया। 125 गेंदों में 12 चौके लगा कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने वाले जुनेजा 217 के कुल स्कोर पर शाबाज नदीम की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए।
एक रन बाद आर. पी. सिंह भी पवेलियन लौट गए। चिराग ने एक छोर संभाला और टीम को 250 के पार ले गए। अपना अर्धशतक पूरा करने के बाद चिराग पवेलियन लौट गए। उन्हें भी नदीम ने अपना शिकार बनाया। टीम के आखिरी बल्लेबाज रुश कलारिया बल्लेबाजी करने नहीं उतरे और गुजरात की पारी 252 रनों पर समाप्त हो गई। झारखंड के सामने चौथी पारी में 235 रनों का आसान लक्ष्य था और झारखंड ने पहली पारी में जिस तरह से बल्लेबाजी की थी उससे लग रहा था कि वे इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेंगे।
आर. पी. सिंह ने सलामी बल्लेबाज प्रत्युष सिंह को बिना खाता खोले दो रनों के कुल स्कोर पर आउट कर झारखंड को पहला झटका दे दिया। बुमराह ने दूसरे सलामी बल्लेबाज सुमित कुमार (0) को छह रनों के कुल स्कोर पर आउट कर अपनी टीम को एक और सफलता दिलाई। विराट सिंह (17) और कप्तान सौरव तिवारी (17) ने टीम को संभालने की कोशिश की लेकिन असफल रहे।
पहली पारी में शतक लगाने वाले इशांक जग्गी (1) भी जल्द ही पवेलियन लौट गए। झारखंड ने 63 रनों पर अपने पांच विकेट खो दिए थे। पहली पारी में अर्धशतक लगाने वाले ईशान किशन (19) और कौशल से टीम को कुछ उम्मीदें बांधी, लेकिन बुमराह ने दोनों को विकेट के पीछे पार्थिव पटेल के हाथों कैच करा झारखंड की हार तय कर दी। इशान के बाद नदीम (1) और राहुल शुक्ला (1) को भी बुमराह ने पवेलियन की राह दिखाई। इन दोनों के बाद कौशल का नंबर आया। वह टीम को 100 के पार पहुंचा कर 105 के कुल स्कोर पर आउट हुए। आर. पी. सिंह ने विकास सिंह (18) को आउट कर झारखंड की पारी का अंत किया और अपनी टीम को जीत दिलाई।
गुजारत ने प्रियांक पांचाल (149) और पार्थिव (62) की शानदार पारियों की मदद से अपनी पहली पारी में 390 रन बनाए थे। झारखंड ने जग्गी (129), ईशान (61) और कौशल (53) की जुझारू पारियों की मदद से अपनी पहली पारी में 408 रन बनाए थे। फाइनल में गुजरात का सामना मुंबई और तमिलनाडु के बीच चल रहे पहले सेमीफाइनल मैच की विजेता से होगा। जहां उसकी कोशिश अपना पहला खिताब हासिल करने की होगी।